9 मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान | 9 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi

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हिंदू धर्मग्रंथों में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना गया है। शिव महापुराण के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। जब शिव जी गहन तपस्या और करुणा में रोए, तो उनके आंसुओं से रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए। इसका वैज्ञानिक नाम Elaeocarpus Ganitrus है। रुद्राक्ष के वृक्ष मुख्य रूप से नेपाल, भारत (विशेषकर हिमालयी क्षेत्र), और इंडोनेशिया में पाए जाते हैं।

जिस रुद्राक्ष पर नौ प्राकृतिक रेखाएं या खांचे बने होते हैं, उसे नौ मुखी रुद्राक्ष कहा जाता है। इसे माता दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। इस रुद्राक्ष में मां दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद समाहित होते हैं, इसलिए इसे धारण करने वाले व्यक्ति को साहस, शक्ति, आत्मविश्वास और निडरता प्राप्त होती है।

9 मुखी रुद्राक्ष के फायदे (9 Mukhi Rudraksha ke fayde)

9 मुखी रुद्राक्ष को शास्त्रों में माता दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना गया है। इसे धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति और भौतिक सुख की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह रुद्राक्ष विशेष रूप से केतु ग्रह के दोषों को शांत करने वाला और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने वाला माना जाता है।

9 मुखी रुद्राक्ष के ज्योतिषीय लाभ (9 mukhi rudraksha ke labh)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और ग्रहों की बाधाएं कम होती हैं। इसके प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:

  • दुष्ट शक्तियों से सुरक्षा: यह रुद्राक्ष धारक को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और दुष्ट शक्तियों से बचाता है और माता दुर्गा का आशीर्वाद प्रदान करता है।
  • महिलाओं के लिए लाभकारी: नौकरीपेशा और करियर उन्मुख महिलाओं की बौद्धिक क्षमता बढ़ाता है और उन्हें सफल-ता व सम्मान दिलाता है।
  • केतु दोष का निवारण: कुंडली में केतु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करता है और मानसिक भ्रम व अस्थिरता को दूर करता है।
  • साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि: इसे पहनने से व्यक्ति के अंदर निडरता, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • व्यापार और नौकरी में सफलता: करियर और बिज़नेस की बाधाएं दूर करता है और नए अवसर दिलाता है।
  • दुर्घटनाओं से सुरक्षा: यह रुद्राक्ष दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।

9 मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ (9 mukhi rudraksha health benefits in hindi)

नौ मुखी रुद्राक्ष न केवल ज्योतिषीय रूप से बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद उपयोगी माना जाता है।

  • तनाव और अवसाद से राहत: यह रुद्राक्ष मानसिक शांति प्रदान करता है और चिंता, तनाव एवं डिप्रेशन को कम करता है।
  • जोड़ों और शारीरिक दर्द से राहत: सिरदर्द, जोड़ों का दर्द और अन्य शारीरिक पीड़ा में लाभकारी है।
  • तंत्रिका तंत्र को मजबूती: यह नसों और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी: प्रसव पीड़ा को कम करता है और गर्भपात के खतरे से रक्षा करता है।
  • त्वचा रोगों से मुक्ति: यह रुद्राक्ष त्वचा को बेदाग और चमकदार बनाने में सहायक माना जाता है।

Read 9 Mukhi Rudraksha Benefits

9 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक लाभ (9 mukhi rudraksha ke adhyatmik labh)

आध्यात्मिक दृष्टि से 9 मुखी रुद्राक्ष का महत्व और भी बढ़ जाता है।

  • रचनात्मकता और सहज ज्ञान: यह रुद्राक्ष रचनात्मक सोच और अंतर्ज्ञान को बढ़ाता है।
  • ध्यान और पूजा में सहायक: इसे जप और ध्यान के समय पहनने से मन केंद्रित होता है और साधना में सफलता मिलती है।
  • क्रोध पर नियंत्रण: यह मन को शांत करता है, आत्मिक संतुलन लाता है और क्रोध व चिड़चिड़ेपन को कम करता है।

क्यों पहनें नौ मुखी रुद्राक्ष?

9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना सिर्फ एक धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में सकारात्मक बदलाव लाने का साधन भी है।

  • इसे पहनने से माँ दुर्गा के नौ रूपों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में शक्ति और साहस बढ़ता है।
  • यह रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और बाधाओं को दूर करके सकारात्मकता और शांति लाता है।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह केतु ग्रह के दोष को कम करता है और ग्रहों की अनुकूलता बढ़ाता है।
  • जीवन में धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, साथ ही करियर और व्यापार में प्रगति मिलती है।
  • राजनीति, व्यापार, नौकरी और शिक्षा से जुड़े लोग इसे पहनकर सफलता और सम्मान पा सकते हैं।

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9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम | 9 Mukhi Rudraksha Wearing Rules

9 मुखी रुद्राक्ष को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना गया है। यह रुद्राक्ष जीवन में साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इसके प्रभाव से भय, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव दूर होते हैं। लेकिन यह तभी फलदायी होता है जब इसे सही विधि, शुभ समय और श्रद्धा के साथ धारण किया जाए।

1. शुद्धिकरण अनिवार्य है

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले हमेशा उसका शुद्धिकरण करना चाहिए। शुद्धिकरण के लिए रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध या शहद से स्नान कराएं और फिर पुनः गंगाजल से धो लें। इसके बाद इसे साफ कपड़े पर रखकर देवी दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान करें।

2. धारण करने का शुभ दिन और समय

सोमवार और शनिवार को नौ मुखी रुद्राक्ष पहनना सबसे शुभ माना जाता है। विशेषकर सुबह स्नान करने के बाद, शुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा करने के बाद इसे धारण करना चाहिए। शुक्ल पक्ष के दिनों में इसे धारण करना और भी लाभकारी होता है।

3. धारण विधि

9 मुखी रुद्राक्ष को लाल या पीले रेशमी धागे में पिरोकर गले में पहनना श्रेष्ठ है। चाहें तो इसे सोने या चांदी के लाकेट में मढ़वाकर भी धारण कर सकते हैं। इसे गले में माला के रूप में पहनना उत्तम है, परंतु इच्छानुसार इसे कंगन की तरह भी धारण किया जा सकता है।

4. मंत्र जाप

रुद्राक्ष धारण करने से पहले और बाद में मंत्र जाप करना अत्यंत आवश्यक है। नौ मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है: “ॐ ह्रीं हुं नमः”। इस मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। इससे रुद्राक्ष की ऊर्जा सक्रिय होती है और धारण करने वाले को तुरंत सकारात्मक प्रभाव मिलना शुरू हो जाता है।

5. सात्विक जीवनशैली का पालन

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक जीवन अपनाना चाहिए। इसका अर्थ है कि शराब, मांसाहार और तामसिक भोजन से दूर रहें। इसके साथ ही झूठ बोलना, हिंसा करना और बुरी आदतों से बचना चाहिए। ऐसा करने से रुद्राक्ष की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

6. नहाते समय नियम

कुछ परंपराओं के अनुसार नहाते समय रुद्राक्ष को उतार देना उचित है, ताकि साबुन या रसायनों का असर उस पर न पड़े। यदि आप इसे पहनकर ही स्नान करते हैं तो केवल प्राकृतिक पानी (गंगाजल या साधारण साफ पानी) का उपयोग करें।

7. श्मशान भूमि में न पहनें

रुद्राक्ष को श्मशान भूमि, अंतिम संस्कार या अपवित्र स्थानों पर धारण करना वर्जित माना जाता है। ऐसे स्थानों की नकारात्मक ऊर्जा रुद्राक्ष की शक्ति को प्रभावित कर सकती है। इसलिए वहां जाते समय इसे उतार देना चाहिए।

8. नियमित सफाई आवश्यक

रुद्राक्ष को समय-समय पर साफ करना बहुत जरूरी है। इसे हल्के गुनगुने पानी से धोकर सूखे कपड़े से पोंछ लें। इसके बाद हल्का सा सरसों का तेल या घी लगाकर इसे पुनः शुद्ध और ऊर्जावान बनाए रखा जा सकता है।

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नौ मुखी रुद्राक्ष के नुकसान | 9 Mukhi Rudraksha Side Effects

9 मुखी रुद्राक्ष देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक है और इसे धारण करने से साहस, शक्ति, निडरता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सामान्यतः इस रुद्राक्ष के कोई बड़े नुकसान नहीं बताए गए हैं, क्योंकि यह अत्यंत शुभ और शक्तिशाली माना जाता है। लेकिन यदि इसे गलत तरीके से, नकली या अशुद्ध रूप में धारण किया जाए, तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।

1. असली न होने पर नुकसान

यदि 9 मुखी रुद्राक्ष असली न हो या फिर घटिया क्वालिटी का हो, तो यह ऊर्जा संतुलन बिगाड़ सकता है। इससे व्यक्ति को बेचैनी, सिरदर्द, मानसिक तनाव या भावनात्मक अस्थिरता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नकली रुद्राक्ष धारण करने से कोई लाभ नहीं मिलता बल्कि यह उल्टा नकारात्मक असर डाल सकता है।

2. अशुद्ध या अपवित्र स्थिति में धारण करना

यदि रुद्राक्ष को अशुद्ध या अपवित्र स्थिति में पहना जाए, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है। इससे व्यक्ति के मन में चिड़चिड़ापन, नकारात्मक विचार और मानसिक अशांति बढ़ सकती है। इसलिए इसे हमेशा शुद्धिकरण के बाद ही पहनना चाहिए।

3. गलत तरीके से पहनने पर नुकसान

रुद्राक्ष धारण करने के लिए शास्त्रों में विशिष्ट नियम और विधियां बताई गई हैं। यदि 9 मुखी रुद्राक्ष को बिना मंत्र जाप, शुद्धिकरण या बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के पहन लिया जाए, तो यह लाभकारी होने के बजाय हानिकारक असर डाल सकता है। विशेषकर जिन लोगों की कुंडली में केतु ग्रह कमजोर हो, उन्हें यह रुद्राक्ष बिना परामर्श के नहीं पहनना चाहिए।

4. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

कुछ लोगों को रुद्राक्ष पहनने के बाद त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे जलन, खुजली या एलर्जी हो सकती है। यह समस्या रुद्राक्ष की वजह से नहीं बल्कि उसके धागे, धातु (सोना/चांदी) या साफ-सफाई न करने के कारण हो सकती है।

5. श्मशान घाट या अशुभ स्थानों पर न पहनें

रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट, अंतिम संस्कार या किसी अशुभ स्थान पर पहनकर नहीं जाना चाहिए। इन स्थानों की नकारात्मक ऊर्जा रुद्राक्ष की शक्ति को कमजोर कर सकती है और धारक पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। ऐसे समय इसे उतारकर सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए।

Read Do Mukhi Rudraksha ke Fayde

निष्कर्ष

9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना जीवन में एक दिव्य वरदान के समान है। यह रुद्राक्ष साधक को शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है। इसके प्रभाव से मानसिक शांति, आध्यात्मिक प्रगति, स्वास्थ्य में सुधार और करियर में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही यह पारिवारिक जीवन में सामंजस्य लाकर रिश्तों को मजबूत करता है। नवरात्रि की नवदुर्गा की कृपा से युक्त यह रुद्राक्ष जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन स्थापित करता है। सही नियमों और शुद्ध मन से धारण करने पर 9 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को सभी प्रकार की नकारात्मकताओं से बचाता है और सुख-समृद्धि की राह खोलता है।

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Manish Jain (Articles: 239)

Mr. Manish Jain, is Chief Certified Gemologist (DG, GG, Graduate Pearl by GIA) at MyRatna. He is running a heritage of 60 years and he himself has a vast experience and serves huge loyal customer base across the globe. As a certified gemologist he has a great knowledge of gems and helps in giving resolution to current questions/problems and in achieving the desired effects by wearing the right Gemstone/ Rudraksha to his clients.
Certified Chief Gemologist Mr. Manish Jain (DG, GG, Graduate Pearl by GIA)

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