गुरु खराब होने के लक्षण, उनके कारण, उपाय और गुरु ग्रह को मजबूत कैसे करें | Guru Grah Ke Upay

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भारतीय ज्योतिष में गुरु ग्रह या बृहस्पति ग्रह को हमेशा से सबसे शुभ और ज्ञान देने वाला ग्रह माना गया है। यह ग्रह जीवन में शिक्षा, बुद्धि, सत्य, धर्म, भाग्य, सम्मान, संतान, विवाह और आध्यात्मिकता जैसे सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जब गुरु ग्रह अनुकूल स्थिति में हो, तो व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव दिखाई देते हैं। लेकिन जब यही गुरु कमजोर या खराब हो जाता है, तब वही व्यक्ति बार-बार गलत फैसले करता है, शिक्षा में संघर्ष होता है, धन और सम्मान की कमी होती है और मानसिक रूप से भी भ्रम की स्थिति बनी रहती है।

इसीलिए लोग अक्सर पूछते हैं कि गुरु खराब होने के लक्षण क्या होते हैं, गुरु ग्रह कमजोर क्यों होता है, गुरु ग्रह को मजबूत कैसे करें और कौनसे उपाय (guru grah ke upay) प्रभावी साबित होते हैं। इस पूरे लंबे और गहराई वाले लेख में आपको यह सभी बातें बहुत सरल भाषा में समझाई गई हैं, ताकि आप अपने जीवन में गुरु ग्रह की स्थिति को पहचान सकें और जरुरी उपाय अपनाकर उसे मजबूत कर सकें।

गुरु ग्रह क्या है और जीवन में इसका महत्व क्यों है?

ग्रहों में गुरु को देवताओं का गुरु कहा गया है, इसलिए इसका प्रभाव बहुत व्यापक और गहरा माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति की बुद्धि, निर्णय लेने की क्षमता, चरित्र, नैतिकता, वैवाहिक जीवन, संतान, उच्च शिक्षा, आध्यात्मिकता और भाग्य पर सीधा असर डालता है।
जिस व्यक्ति का गुरु ग्रह मजबूत होता है, उसकी सोच साफ होती है, वह जीवन में आगे बढ़ता है, शिक्षा और धन दोनों में लाभ मिलता है और परिवार तथा समाज में उसका मान-सम्मान बढ़ता है। वहीं कमजोर गुरु ग्रह कई बार ऐसे हालात पैदा कर देता है कि व्यक्ति के पास अवसर आने के बावजूद वह सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाता।

गुरु खराब होने के प्रमुख लक्षण | Guru Kharab Hone Ke Lakshan

अब सबसे महत्वपूर्ण भाग, क्योंकि अधिकांश लोग यही जानना चाहते हैं कि आखिर गुरु कमजोर होने पर कौन-कौन से संकेत दिखाई देते हैं। नीचे दिए गए हर लक्षण को छोटे पॉइंट की तरह लिखा गया है, लेकिन प्रत्येक पॉइंट एक पूर्ण पैराग्राफ की तरह विस्तृत है।

1. पढ़ाई में बाधा और ध्यान की कमी

अगर किसी व्यक्ति का गुरु ग्रह खराब हो जाता है, तो शिक्षा पर इसका सबसे पहले असर दिखाई देता है। पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता, सीखी हुई चीजें बार-बार भूल जाती हैं और मेहनत करने के बावजूद सफलता नहीं मिलती। कई बार ऐसा भी होता है कि पढ़ाई के लिए माहौल बनने के बावजूद मन बैचेन रहता है और कोई भी विषय समझ में नहीं आता। यह समस्या धीरे-धीरे आत्मविश्वास को भी कमजोर करती है और व्यक्ति को लगता है कि वह पढ़ाई के योग्य नहीं है।

2. आर्थिक तंगी और धन का रुक जाना

कमजोर गुरु आर्थिक क्षेत्र पर गहरा असर डालता है। यह देखा गया है कि जिन लोगों का गुरु कमजोर होता है, उनके पास धन आता तो है, लेकिन किसी न किसी कारण से टिकता नहीं है। नौकरी में अस्थिरता, व्यापार में घाटा, पैसा फंस जाना या बार-बार खर्चा बढ़ जाना जैसे अनुभव भी इसी ग्रह के खराब होने के संकेत हैं। कई बार जीवन में अच्छे मौके आने के बावजूद व्यक्ति उनका लाभ नहीं उठा पाता।

3. गलत निर्णय और लगातार भ्रमित मानसिकता

गुरु ग्रह बुद्धि और निर्णय क्षमता का स्वामी है। इसके कमजोर होने पर व्यक्ति अक्सर गलत फैसले लेने लगता है। छोटी-छोटी बातों में भी समझ नहीं आती कि क्या सही है और क्या गलत। दूसरों के प्रभाव में जल्दी आ जाना, बिना सोचे-समझे किसी काम में हाथ डाल देना और बाद में पछताना – यह सभी संकेत बताते हैं कि गुरु ग्रह संतुलित स्थिति में नहीं है।

4. परिवार और समाज में सम्मान की कमी

गुरु कमजोर होने पर व्यक्ति के स्वभाव में अस्थिरता और गुस्सा आ सकता है। इससे रिश्तों में गलतफहमियाँ पैदा होती हैं और धीरे-धीरे सामाजिक सम्मान भी घटने लगता है। अक्सर देखा गया है कि ऐसे लोग किसी न किसी विवाद में फँस जाते हैं या उनके खिलाफ अनचाही बातें फैल जाती हैं। सम्मान की कमी गुरु ग्रह की कमजोरी का स्पष्ट संकेत मानी जाती है।

5. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ और शरीर में भारीपन

गुरु का सीधा संबंध लीवर, पाचन और शरीर की ऊष्मा से होता है। कमजोर गुरु की स्थिति में व्यक्ति को कब्ज, गैस, एसिडिटी, पेट दर्द, मोटापा, अपच और लीवर से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। आँखों में जलन, त्वचा पर सूजन और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएँ भी देखी जाती हैं। शरीर हमेशा भारी-भारी लगता है और ऊर्जा कम रहती है।

6. विवाह में देरी और दांपत्य तनाव

गुरु ग्रह विवाह और संतान का कारक है, इसलिए इसके खराब होने पर शादी में देरी, रिश्तों का टूटना, विवाह प्रस्तावों का आना-जाना और दांपत्य जीवन में तनाव देखने को मिलता है। कई बार बात पक्की होते-होते रुक जाती है या शादी के बाद वैवाहिक समस्याएँ बढ़ने लगती हैं।

7. आध्यात्मिकता से दूरी और गलत संगति

मजबूत गुरु मन को धर्म और सत्य के रास्ते पर रखता है, लेकिन जब गुरु कमजोर हो, तब व्यक्ति को गलत संगति पसंद आती है। कई लोग शराब, जुआ, झूठ, लालच या गलत आदतों में पड़ जाते हैं। आध्यात्मिकता से दूरी और धार्मिक चीजों में अरुचि भी इसी ग्रह की कमजोरी का हिस्सा है।

8. सपनों में सांप दिखना और सोना खो जाना

ज्योतिष में यह माना जाता है कि अगर बार-बार सपने में सांप दिखे, सोना कहीं गुम हो जाए या पीली चीजें बार-बार खराब हों, तो यह गुरु ग्रह की कमजोरी का संकेत होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गुरु ग्रह पीला रंग, सोना और ज्ञान का प्रतीक है।

मजबूत गुरु के लक्षण | Majboot Guru Ke Lakshan

जब गुरु ग्रह शुभ स्थिति में होता है, तो इसके बहुत सुंदर संकेत दिखाई देते हैं। इन संकेतों को पहचानकर आप समझ सकते हैं कि जन्म कुंडली में गुरु ग्रह आपके लिए कितना मजबूत है।

1. शिक्षा में निरंतर सफलता

मजबूत गुरु वाले लोग पढ़ाई में तेज होते हैं। उनके पास सीखने की क्षमता ज्यादा होती है और वे बिना ज्यादा संघर्ष के उच्च शिक्षा तक पहुँच जाते हैं। नए विषय आसानी से समझ आते हैं और ज्ञान तेजी से बढ़ता है।

2. भाग्य का साथ और सही समय पर सही अवसर मिलना

गुरु अनुकूल हो तो भाग्य लगातार साथ देता है। जीवन में मौके अचानक मिलते हैं और व्यक्ति उन मौकों का सही उपयोग कर पाता है। समय व्यक्ति के पक्ष में चलता है और कठिन परिस्थितियों में भी मदद अपने आप मिल जाती है।

3. समाज में सम्मान, लोकप्रियता और अच्छी छवि

मजबूत गुरु वाले लोगों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है। उनके विचार साफ होते हैं और लोग उनकी बातों का सम्मान करते हैं। समाज में उनकी छवि सकारात्मक रहती है और उनकी उपस्थिति से लोग प्रभावित होते हैं।

4. शांत, ईमानदार और धार्मिक स्वभाव

ऐसे लोग हमेशा सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलते हैं। उनके विचार पवित्र होते हैं और वे दूसरों को भी सही दिशा दिखाते हैं। उनका स्वभाव सौम्य और दयालु होता है, जिससे लोग उन्हें पसंद करते हैं।

5. वित्तीय लाभ और स्थिर धन

मजबूत गुरु आर्थिक जीवन में स्थिरता देता है। पैसे की कमी नहीं रहती, अचानक धन लाभ होता है और बचत भी बेहतर होती है। व्यापारियों को बड़े-बड़े अवसर मिलते हैं और नौकरी वाले लोग पदोन्नति का लाभ उठाते हैं।

6. शुभ विवाह और संतान का सुख

गुरु ग्रह का मजबूत होना विवाह और संतान का सुख देता है। ऐसे लोगों का पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण और सुखद रहता है।

गुरु ग्रह कमजोर क्यों होता है?

गुरु खराब होने के कई ज्योतिषीय और व्यक्तिगत कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ सबसे आम कारण यह हैं:

  1. जन्म कुंडली में गुरु का नीच राशि मकर में होना।
  2. गुरु पर शनि, राहु या केतु की दृष्टि होना।
  3. माता-पिता, गुरु, बड़ों का अनादर करना।
  4. झूठ बोलना, धोखा देना, गलत संगति।
  5. पीली वस्तुओं का खराब होना।
  6. गलत भोजन आदतें और असंतुलित जीवनशैली।
  7. अत्यधिक लोभ, लालच या नकारात्मक सोच।

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गुरु ग्रह को मजबूत कैसे करें | Guru Grah Ko Kaise Majboot Kare

अब सबसे महत्वपूर्ण भाग आता है जहाँ आप सीखेंगे कि गुरु ग्रह को कैसे मजबूत करें। नीचे सभी उपाय सरल भाषा और गहरे विवरण के साथ लिखे गए हैं ताकि आप उन्हें आसानी से समझ सकें।

1. गुरुवार का व्रत रखना

गुरुवार का व्रत गुरु ग्रह को शक्तिशाली बनाता है। इस दिन पीले कपड़े पहनें, हल्का भोजन करें, नमक न खाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें। यह व्रत धीरे-धीरे आपके जीवन में स्थिरता, बुद्धि और धन लाता है।

2. भगवान विष्णु और बृहस्पति की पूजा

गुरुवार के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरु ग्रह बेहद तेज़ी से मजबूत होता है। विष्णु सहस्रनाम, बृहस्पति स्तोत्र या गुरु गायत्री मंत्र का पाठ बहुत प्रभावी माना जाता है।

3. गुरु मंत्र का जाप करना

मंत्र जाप गुरु को मजबूत करने का प्राचीन और शक्तिशाली तरीका है।
सबसे प्रभावी मंत्र हैं:

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
ॐ बृं बृहस्पतये नमः

प्रतिदिन 108 बार जाप करने से मन शांत होता है, बुद्धि तेज होती है और ग्रह शुभ फल देने लगता है।

4. पीली वस्तुओं का दान

दान गुरु ग्रह को तुरंत शुभ बनाता है।
दान में चने की दाल, हल्दी, गुड़, केले, पीले वस्त्र, केसर या पीली मिठाई दें।
यह उपाय व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक दोनों रूप से मजबूत बनाता है।

5. केले के पेड़ की पूजा

गुरुवार को केले के पेड़ पर जल चढ़ाना और उसके पास दीपक जलाना गुरु ग्रह के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

6. केसर या पीले चंदन का तिलक

माथे पर केसर या पीला चंदन लगाने से मानसिक ऊर्जा बढ़ती है और गुरु ग्रह तुरंत सक्रिय हो जाता है।

7. बड़ों, शिक्षकों और गुरुजन का सम्मान करना

गुरु ग्रह तभी मजबूत होता है जब आप जीवन में गुरु-तत्व का सम्मान करते हैं।
शिक्षकों, माता-पिता, बुजुर्गों और संतों का सम्मान करना गुरु ग्रह को बलवान बनाता है।

8. गोशाला में सेवा

गाय की सेवा गुरु ग्रह के सबसे प्रभावी उपायों में से एक मानी जाती है।
गाय को भोजन कराना, गोशाला में दान करना या उसकी सेवा करना बहुत शुभ फल देता है।

9. पुखराज रत्न धारण करना

कमजोर गुरु को मजबूत करने के लिए पुखराज (Yellow Sapphire Stone) सबसे प्रभावी रत्न है।
इसे सोने की अंगूठी में पहनना सर्वोत्तम माना जाता है। रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि रत्न तभी लाभ देता है जब आपकी कुंडली में गुरु रत्न के योग्य हो।

10. सही और नैतिक जीवन जीना

गुरु ग्रह धर्म और सत्य का कारक है।
झूठ, लालच, गलत संगत, धोखा, शराब या बुरी आदतें गुरु को कमजोर करती हैं।
सत्य और नैतिक जीवन जीने से गुरु ग्रह तेजी से शुभ बनता है।

निष्कर्ष

गुरु ग्रह जीवन में ज्ञान, बुद्धि, निर्णय क्षमता, आध्यात्मिकता, धन, सम्मान और विवाह जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर गहरा असर डालता है। जब गुरु ग्रह कमजोर होता है, तो यह शिक्षा, आर्थिक स्थिति, रिश्तों, स्वास्थ्य और मानसिक शांति सभी को प्रभावित करता है। इसलिए गुरु खराब होने के लक्षण को पहचानना और सही समय पर प्रभावी उपाय अपनाना बहुत जरूरी है। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कैसा है या आपके लिए कौनसा उपाय सर्वोत्तम रहेगा

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Manish Jain (Articles: 255)

Mr. Manish Jain, is Chief Certified Gemologist (DG, GG, Graduate Pearl by GIA) at MyRatna. He is running a heritage of 60 years and he himself has a vast experience and serves huge loyal customer base across the globe. As a certified gemologist he has a great knowledge of gems and helps in giving resolution to current questions/problems and in achieving the desired effects by wearing the right Gemstone/ Rudraksha to his clients.
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