लहसुनिया रत्न किस उंगली और किस हाथ में पहने? सही विधि और नियम

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रत्नों की दुनिया में लहसुनिया स्टोन (Cat’s Eye Stone) एक रहस्यमयी और शक्तिशाली रत्न माना जाता है। इसे संस्कृत में वैदूर्य और आम भाषा में कैट्स आई स्टोन भी कहते हैं। यह रत्न ग्रह केतु का प्रतिनिधित्व करता है और अचानक मिलने वाले लाभ, आत्मिक शांति तथा सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन जब भी सवाल आता है -“लहसुनिया रत्न किस उंगली में पहने?” या “लहसुनिया किस हाथ में पहने?” – तो इसका उत्तर समझने के लिए ज्योतिष, हस्तरेखा और अंक ज्योतिष – तीनों दृष्टिकोण पर विचार करना आवश्यक है।


लहसुनिया रत्न किस उंगली और किस हाथ में पहने? – ज्योतिष शास्त्र अनुसार सही तरीका

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लहसुनिया स्टोन (lehsunia stone) ग्रह केतु का रत्न है।
  • जिनकी कुंडली में केतु अशुभ/कमज़ोर हो, अथवा राहु-केतु की महादशा/अंतरदशा चल रही हो, उन्हें यह लहसुनिया रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है (योग्य ज्योतिषी से परामर्श आवश्यक)।
  • उंगली के संदर्भ में इसे सामान्यतः मध्यमा (Middle Finger) या अनामिका (Ring Finger) में धारण किया जाता है।

लहसुनिया किस हाथ में पहने? (Follow Dominant Hand Rule)

  • जो व्यक्ति कामकाजी (Working) है – पुरुष या महिला – उसे हमेशा अपने Dominant Hand (जो हाथ आप लिखने/मुख्य कार्यों में प्रयोग करते हैं) में ही लहसुनिया पहनना चाहिए।
  • यदि आप Right-Handed हैं तो दाहिने हाथ में; यदि Left-Handed हैं तो बाएँ हाथ में पहनें।
  • यदि महिला Non-Working/गृहिणी हैं तो परंपरानुसार Non-Dominant Hand में लहसुनिया धारण करना उत्तम माना जाता है।

संक्षेप में – कामकाजी व्यक्ति (पुरुष/महिला) Dominant Hand में, जबकि Non-Working महिला Non-Dominant Hand में लहसुनिया स्टोन धारण करें; उंगली के लिए मध्यमा या अनामिका का चयन करें।

Read – Palm Reading for Female in English


हस्तरेखा विज्ञान (Palmistry) अनुसार लहसुनिया रत्न किस उंगली में पहने?

  • अनामिका उंगली (Ring Finger) में लहसुनिया रत्न (ketu stone) धारण करने से व्यक्तित्व में चमक, सम्मान, लोकप्रियता और उपलब्धि-मुखी दृष्टिकोण प्रबल होता है।
  • मध्यमा उंगली (Middle Finger) में धारण करने से धैर्य, स्थिरता, ज़िम्मेदारी और निर्णय-क्षमता बेहतर होती है—केस/विवाद या दीर्घकालिक लक्ष्यों में सहायक।
  • यदि हस्तरेखा में भाग्य रेखा अस्थिर/टूटी-फूटी हो, अचानक उतार-चढ़ाव आते हों, या रेखा का प्रारंभ केतु पर्वत (हथेली के निचले भाग के निकट) से प्रतीत हो – तो लहसुनिया रत्न उपयोगी माना जाता है (विशेषज्ञ से जाँच करवाएँ)।

अंक ज्योतिष (Numerology) के दृष्टिकोण से – लहसुनिया रत्न किन लोगों को धारण करना चाहिए?

अंक ज्योतिष में हाथ का चयन नहीं किया जाता; यहाँ यह देखा जाता है कि रत्न किस व्यक्ति के लिए अनुकूल है।

  • लहसुनिया रत्न का संबद्ध प्रायः अंक 7 (Numerology Number 7) और ग्रह केतु से माना जाता है।
  • जिनकी जन्मतिथि 7, 16, 25 आती है, या जिनका भाग्यांक 7 है, उनके लिए यह रत्न मानसिक स्पष्टता, अंतर्दृष्टि और अचानक अवसर देने में सहायक माना जाता है।

विशेष ध्यान दें – जो जातक किसी भी प्रकार के गुप्त रोग या नेत्र रोग का सामना कर रहे हैं, उनके लिए केतु रत्न लहसुनिया बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।

निष्कर्षतःकौन लहसुनिया पहने यह अंक ज्योतिष/ज्योतिष से तय होता है; किस हाथ और उंगली में – यह नियम ऊपर बताए अनुसार Dominant Hand और उंगली-चयन से निर्धारित करें।


लहसुनिया स्टोन पहनने की सही विधि

  1. धातु (Metal): सामान्यतः चाँदी या पंचधातु की अंगूठी (Cat’s Eye Stone Ring) – दोनों स्वीकार्य हैं; व्यक्तिगत कुंडली/बजट/एलर्जी आदि के अनुसार निर्णय लें।
  2. दिन और समय: श्रेष्ठ समय शुक्ल पक्ष के शनिवार या मंगलवार की सुबह माना जाता है। इस दिन और समय पर धारण करने से इसका प्रभाव शीघ्र प्राप्त होता है।
  3. शुद्धिकरण (Purification): लहसुनिया स्टोन को गंगाजल/कच्चे दूध/शहद से शुद्ध करें, स्वच्छ पीले/सफेद वस्त्र में रखें और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का 108 बार जप करके धारण करें।
  4. उंगली और हाथ: कामकाजी व्यक्ति – Dominant Hand की मध्यमा/अनामिका; Non-Working महिला – Non-Dominant Hand की मध्यमा/अनामिका।
  5. आकार/स्पष्टता: पारदर्शिता मध्यम हो, नेत्र-समान प्रभाव स्पष्ट दिखे; क्रैक/दाग अत्यधिक न हों; विश्वसनीय स्रोत से प्रमाणित Natural रत्न ही लें।

Read – लहसुनिया रत्न कब और किस दिन पहनें


लहसुनिया रत्न के फायदे (Lehsunia Ratna Benefits in Hindi)

लहसुनिया रत्न के फायदे (Lehsunia Ratna Benefits in Hindi)
लहसुनिया रत्न के फायदे (Lehsunia Ratna Benefits in Hindi)
  • अचानक लाभ, अटके कार्यों में गति, जोखिम से सुरक्षा में सहायता।
  • नकारात्मकता/भ्रम/अनिश्चितता में कमी, मानसिक फोकस और आत्मबल में वृद्धि।
  • लंबे विवाद/कानूनी उलझनों/दुर्घटना-प्रवृत्ति में राहत का सहायक उपाय (ज्योतिषीय योग पर निर्भर)।
  • आध्यात्मिक साधना, ध्यान और अंतर्ज्ञान (Intuition) को सुदृढ़ करना।

महत्वपूर्ण सावधानियाँ

  • लहसुनिया स्टोन एक प्रभावशाली रत्न है – बिना परामर्श धारण न करें।
  • धारण के बाद यदि बेचैनी/अत्यधिक सपने/स्वभाव में तीक्ष्णता जैसी प्रतिक्रियाएँ दिखें, तो विशेषज्ञ से तुरंत परामर्श लें।
  • हमेशा Natural और Lab-Certified लहसुनिया ही खरीदें; सिंथेटिक/ट्रीटेड से बचें।

निष्कर्ष

लहसुनिया स्टोन को सही हाथ (Dominant/Non-Dominant) और सही उंगली (मध्यमा/अनामिका) में धारण करने से इसके लाभ अधिक सुव्यक्त होते हैं। कामकाजी व्यक्ति – पुरुष/महिला – इसे अपने Dominant Hand में पहनें; जबकि Non-Working महिला के लिए Non-Dominant Hand उत्तम माना जाता है। “लहसुनिया रत्न किस उंगली में पहने” और “लहसुनिया किस हाथ में पहने” का अंतिम निर्णय आपकी कुंडली, स्वास्थ्य और उद्देश्य के आधार पर – योग्य ज्योतिषी/हस्तरेखा विशेषज्ञ के मार्गदर्शन से लेना चाहिए।

यदि आप लहसुनिया रत्न धारण करने की सोच रहे हैं, तो प्रमाणित, प्राकृतिक लहसुनिया स्टोन ही विश्वसनीय विक्रेता से लें और बताई गई विधि का पालन करें – यही आपके लिए सुरक्षित और लाभकारी रहेगा।


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