रत्नों की दुनिया में मोती (Pearl Stone) को सबसे पवित्र और सौम्य रत्न माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इसे चंद्रमा का रत्न कहा गया है। मोती को धारण करने से मन की अशांति दूर होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन सबसे पहले सवाल यही उठता है कि मोती रत्न किस उंगली में पहने? इसके साथ ही हमें मोती पहनने के फायदे और नुकसान तथा सही समय और विधि की जानकारी भी होनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं।
मोती रत्न किस उंगली में पहने? (Moti Konsi Ungli me Pahne)
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार मोती रत्न को हमेशा दाहिने हाथ की कनिष्ठा (छोटी उंगली / Little Finger) में पहनना चाहिए। यह उंगली सीधे तौर पर चंद्रमा से जुड़ी मानी जाती है। चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक संतुलन का कारक है, और मोती उसका प्रतिनिधि रत्न है।
- सफेद मोती किस उंगली में पहना जाए? – सफेद मोती भी छोटी उंगली में ही धारण करना चाहिए। यह मानसिक शांति और सकारात्मक सोच प्रदान करता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, या वह मानसिक तनाव, असुरक्षा और अस्थिरता से गुजर रहा हो, तो मोती पहनना अत्यंत लाभकारी साबित होता है।
यही कारण है कि लोग अक्सर यह पूछते हैं – मोती रत्न किस उंगली में पहने (moti konsi ungli me pahne) – और इसका सही उत्तर है: कनिष्ठा (छोटी उंगली)।
मोती रत्न के फायदे और नुकसान
फायदे:
- मानसिक शांति – मोती मन को स्थिर करता है और तनाव, चिंता व अवसाद से राहत दिलाता है।
- रिश्तों में मधुरता – यह दांपत्य जीवन और पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाता है।
- सकारात्मक सोच – आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मक विचार कम होते हैं।
- विद्यार्थियों के लिए लाभकारी – पढ़ाई में एकाग्रता और स्मरणशक्ति को बेहतर करता है।
- धन और समृद्धि – चंद्रमा के शुभ प्रभाव से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
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नुकसान:
मोती हमेशा सभी लोगों के लिए शुभ नहीं होता। अगर इसे बिना ज्योतिष परामर्श के पहन लिया जाए, तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं –
- अत्यधिक भावुकता और आलस्य बढ़ सकता है।
- निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
- गलत समय या गलत उंगली में पहनने पर आर्थिक हानि भी संभव है।
इसलिए मोती धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
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मोती धारण करने का शुभ समय और विधि
मोती पहनने से पहले उसकी शुद्धि और उचित विधि का पालन करना बहुत जरूरी है।
- शुभ दिन – सोमवार का दिन मोती पहनने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
- शुभ समय – सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच मोती धारण करना उत्तम रहता है।
- धातु – मोती को प्रायः चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहना जाता है।
- शुद्धि विधि – अंगूठी को दूध, गंगाजल और शहद से शुद्ध करें।
- मंत्र जाप – पहनते समय “ॐ सोमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
- उंगली – मोती हमेशा दाहिने हाथ की छोटी उंगली (कनिष्ठा) में ही धारण करें।
इस विधि से मोती धारण करने पर उसका शुभ प्रभाव बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं।
निष्कर्ष
यदि आप सोच रहे हैं कि मोती रत्न किस उंगली में पहने या फिर सफेद मोती किस उंगली में पहने, तो इसका सीधा उत्तर है – हमेशा दाहिने हाथ की छोटी उंगली (कनिष्ठा) में। मोती पहनने से कई लाभ मिलते हैं, लेकिन बिना ज्योतिषीय परामर्श के इसे धारण करने से नुकसान भी हो सकता है। इसलिए उचित समय और विधि से मोती धारण करें और अपने जीवन में शांति, सफलता और समृद्धि का स्वागत करें।