भारतीय ज्योतिष में रत्नों का विशेष स्थान है। ये रत्न ग्रहों की ऊर्जा को नियंत्रित करने और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम माने जाते हैं। पुखराज रत्न दो प्रकार के होते हैं: पीला पुखराज (Yellow Pukhraj) और सफेद पुखराज (White Sapphire)। ये दोनों ही विशिष्ट ग्रहों से संबंधित होते हैं और इन्हें धारण करने की विधि, दिन और उंगली अलग-अलग होते हैं।
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पीला पुखराज किस उंगली में पहने?
पीला पुखराज मुख्यतः गुरु ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित होता है। इसे तर्जनी उंगली (Index Finger) में पहनने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह उंगली बृहस्पति ग्रह की होती है। तर्जनी उंगली नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और बुद्धिमत्ता की प्रतीक मानी जाती है।
पीला पुखराज रत्न को सामान्यतः तर्जनी उंगली में धारण किया जाता है, क्योंकि यह उंगली बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। पुरुष इसे दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहनते हैं, जबकि महिलाएं अपने किसी भी हाथ की तर्जनी उंगली में इसे धारण कर सकती हैं। यह रत्न नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और बुद्धिमत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है, जो जीवन में विशेषकर करियर में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, यह रत्न विवाह में देरी, शिक्षा में रुकावट, आर्थिक अस्थिरता और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं को भी दूर करने में प्रभावशाली माना जाता है। इसे अपने कार्यकारी (working) हाथ की तर्जनी उंगली में पहनना सबसे अधिक शुभफलदायक होता है।
पहनने की विधि: पीला पुखराज गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले धारण करना शुभ माना जाता है। इसे सोने या पंचधातु की अंगूठी में बनवाकर धारण करें। पहनने से पहले “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। आमतौर पर यह रत्न 5 से 7 रत्ती के बीच धारण किया जाता है, लेकिन सटीक वजन कुंडली के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
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सफेद पुखराज किस उंगली में पहने?
सफेद पुखराज शुक्र ग्रह (Venus) से संबंधित होता है, जो सौंदर्य, कला, प्रेम और भौतिक सुखों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे अनामिका उंगली (Ring Finger) में पहना जाता है, जो शुक्र की उंगली मानी जाती है।
सफेद पुखराज उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अभिनय, संगीत, फैशन, फिल्म, डिजाइन और सौंदर्य उद्योग से जुड़े हैं। यह रत्न वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाने, यौन ऊर्जा को संतुलित करने और सौंदर्य में निखार लाने में मदद करता है।
पहनने की विधि: सफेद पुखराज शुक्रवार के दिन सुबह 6 से 7 बजे के बीच धारण करें। इसे चांदी या सफेद सोने की अंगूठी में बनवाएं और पहनने से पहले “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसका वजन भी कुंडली अनुसार निश्चित किया जाता है, सामान्यतः 5 से 6 रत्ती उपयुक्त होता है।
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पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए?
पुखराज रत्न उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर, अशुभ स्थिति में हो या शुभ फल नहीं दे रहा हो। यह रत्न शिक्षा, विवाह, संतान सुख, आध्यात्मिक उन्नति और करियर में स्थायित्व लाने के लिए पहना जाता है। विशेष रूप से वे लोग जो शिक्षक, न्यायाधीश, धर्मगुरु, सलाहकार, या प्रशासनिक सेवाओं में हैं, उनके लिए पुखराज अत्यंत शुभ माना जाता है। हालांकि इसे पहनने से पहले कुंडली का विश्लेषण कराना आवश्यक होता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह रत्न आपके लिए अनुकूल है या नहीं।