भारतीय ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है। यह ग्रह भले ही आकाश में दिखाई नहीं देता, लेकिन इसकी स्थिति जन्मकुंडली में व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालती है। राहु को पाप ग्रह कहा जाता है और जब यह अशुभ स्थान पर बैठता है या अन्य ग्रहों के साथ दोष बनाता है, तब जीवन में कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। परंतु अगर सही उपाय किए जाएं, तो राहु से मिलने वाली नकारात्मक ऊर्जा कम हो जाती है और यह ग्रह व्यक्ति को सफलता भी दे सकता है।
आज हम विस्तार से जानेंगे कि राहु को खुश कैसे करें, राहु को शांत करने के उपाय कौन से हैं, और अगर आप चाहें तो राहु को मजबूत करने के उपाय भी कैसे कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम पूजा-पाठ, मंत्र जाप, दान-पुण्य, रत्न धारण और व्यवहारिक उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ग्रह का महत्व और प्रभाव
राहु ग्रह कौन है?
पुराणों के अनुसार राहु एक असुर था जिसने समुद्र मंथन के समय अमृत पान करने की कोशिश की थी। भगवान विष्णु ने उसका सिर काट दिया, लेकिन तब तक उसने अमृत पी लिया था। इस कारण उसका सिर अमर हो गया और वही सिर राहु कहलाया। चूंकि यह ग्रह केवल छाया है, इसलिए इसे छाया ग्रह कहा जाता है।
राहु के शुभ और अशुभ प्रभाव
- शुभ राहु: अगर राहु अच्छे भाव में हो तो यह व्यक्ति को राजनीति, विदेशी संबंधों, तकनीक, रिसर्च और तंत्र-मंत्र में सफलता दिलाता है।
- अशुभ राहु: वहीं जब राहु अशुभ स्थिति में होता है, तो यह जीवन में भ्रम, नशे की लत, मानसिक परेशानी, अचानक दुर्घटना, कर्ज और पारिवारिक कलह जैसी समस्याएँ देता है।
यही कारण है कि लोग राहु को शांत करने और खुश करने के उपाय करते हैं।
रत्न धारण कर राहु को मजबूत करने के उपाय
राहु ग्रह को मजबूत करने और उसके अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए गोमेद रत्न (Hessonite Gomed) धारण करना श्रेष्ठ माना गया है।
गोमेद रत्न का महत्व
- गोमेद राहु का मुख्य रत्न है।
- इसे धारण करने से मानसिक भ्रम, डर, असुरक्षा और राहु की अशुभ दशा कम होती है।
- यह आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और जीवन में स्थिरता लाता है।
गोमेद रत्न धारण करने का तरीका
- गोमेद हमेशा किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह पर ही पहनें।
- इसे चाँदी की अंगूठी में धारण करना शुभ माना जाता है।
- शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करें।
- धारण करने से पहले रत्न को दूध, गंगाजल और शहद से शुद्ध करें।
- मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का 108 बार जाप करें और फिर रत्न धारण करें।
गोमेद पहनने से राहु की शक्ति नियंत्रित होती है और यह शुभ फल देने लगता है।

राहु को खुश कैसे करे? (Rahu ko kaise khush kare)
अक्सर लोग पूछते हैं कि राहु को खुश करने के उपाय क्या हैं। दरअसल, राहु को खुश करना मतलब उसकी नकारात्मक शक्ति को शांत करके सकारात्मक प्रभाव बढ़ाना है। इसके लिए हमें पूजा-पाठ, मंत्र-जाप, दान और रत्न धारण जैसे कई उपाय करने होते हैं।
राहु को खुश करने के लिए ये मुख्य तरीके हैं:
- भगवान शिव और काल भैरव की पूजा
- राहु बीज मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप
- गोमेद रत्न धारण करना
- शनिवार को गरीबों को भोजन कराना और काले तिल, कंबल, तेल आदि दान करना
- मछली को जीवनदान देना
इन उपायों को करने से राहु की अशुभता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
पूजा और मंत्र जाप द्वारा राहु को शांत करना (Pooja aur Mantra Jaap Dwara Rahu ko Shant Karne upay)
भगवान शिव की पूजा
राहु भगवान शिव का प्रिय ग्रह माना जाता है। अगर आप राहु की शांति चाहते हैं तो सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करें।
- अभिषेक में दूध, गंगाजल, शहद, बेलपत्र और काले तिल का प्रयोग करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- यह उपाय राहु की नकारात्मकता को कम करता है और मानसिक शांति देता है।
राहु बीज मंत्र का जाप
राहु के लिए विशेष बीज मंत्र है:
“ॐ रां राहवे नमः“
- इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें।
- जाप करने का श्रेष्ठ समय राहुकाल या रात का समय है।
- लगातार 40 दिन तक इस मंत्र का जाप करने से राहु शांत होता है।
राहु यंत्र की पूजा
- राहु यंत्र की स्थापना घर या पूजा स्थान पर करें।
- प्रतिदिन दीपक और अगरबत्ती लगाकर यंत्र की पूजा करें।
- इससे राहु दोष का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
दान द्वारा राहु को प्रसन्न करना
- दान हमेशा राहु को प्रसन्न करने का सरल और प्रभावी उपाय माना गया है।
शनिवार को किए जाने वाले दान
- काले तिल
- काला कपड़ा
- सरसों का तेल
- लोहा
- कंबल
- सीसा
- सप्तधान्य (सात अनाज)
इन वस्तुओं का दान किसी गरीब या ब्राह्मण को करने से राहु की कृपा मिलती है।
छाया दान
शनिवार को सरसों के तेल से भरे बर्तन में अपनी परछाई देखकर उस तेल को दान करना भी राहु को शांत करता है।
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व्यवहारिक उपाय: दैनिक जीवन में राहु को शांत करना
खान-पान में संयम
- मांस, मदिरा और नशे की वस्तुओं से दूरी बनाएं।
- फास्ट फूड और जंक फूड से परहेज करें।
- सात्विक भोजन करें और दिन की शुरुआत तुलसी के दो पत्ते खाने से करें।
सत्य और सादगी अपनाना
राहु का स्वभाव भ्रमित करने वाला है। अगर आप सच बोलते हैं और सादा जीवन जीते हैं तो राहु के बुरे प्रभाव से बच सकते हैं।
मछली को जीवनदान देना
बुधवार या शनिवार को जीवित मछली खरीदकर उसे नदी या तालाब में छोड़ना राहु की शांति के लिए बहुत कारगर उपाय है।
राहु के उपाय किस दिन करें? (Rahu ke upay kis din kare)
राहु से जुड़े उपाय सप्ताह के कुछ विशेष दिनों में करना ज्यादा लाभकारी माना जाता है।
शनिवार
- शनिवार राहु और शनि का दिन है।
- इस दिन काले तिल और तेल का दान करें।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
- कुत्ते को भोजन कराएं।
सोमवार
- सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें।
- शिवलिंग पर जल और काले तिल चढ़ाएं।
- “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का जाप करें।
राहुकाल
- हर दिन का राहुकाल राहु की पूजा और उपाय के लिए शुभ माना जाता है।
- इस समय दान, मंत्र जाप और पूजा करने से राहु जल्दी प्रसन्न होता है।
राहु दोष के लक्षण (Rahu dosh ke lakshan)
जन्मकुंडली में जब राहु अशुभ भाव में हो या अन्य ग्रहों के साथ मिलकर दोष उत्पन्न करता है, तब जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयाँ आती हैं। इन समस्याओं को ही राहु दोष कहा जाता है। राहु दोष से प्रभावित व्यक्ति अक्सर मानसिक, आर्थिक और सामाजिक परेशानियों से गुजरता है। नीचे इसके प्रमुख लक्षण विस्तार से दिए जा रहे हैं:
- मानसिक अस्थिरता, चिंता और अनिद्रा: राहु मन को विचलित करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु पीड़ित होता है, उसे अक्सर तनाव, चिंता और नींद न आने की समस्या होती है। ऐसे लोग छोटी-छोटी बातों पर भी परेशान हो जाते हैं।
- अचानक से धन हानि: राहु दोष के चलते अचानक धन की हानि होती है। व्यापार में नुकसान, निवेश में घाटा या अनावश्यक खर्चे बढ़ जाते हैं। कई बार बिना वजह पैसों की कमी महसूस होती है।
- रिश्तों में गलतफहमी: राहु भ्रम का ग्रह है। यह रिश्तों में संदेह और गलतफहमियाँ पैदा करता है। परिवार में आपसी कलह, पति-पत्नी के बीच झगड़े या दोस्तों के साथ दूरी इसके सामान्य लक्षण हैं।
- नशे की लत: राहु व्यक्ति को नशे की ओर खींचता है। शराब, सिगरेट, जुआ, या अन्य व्यसनों में फँसना राहु दोष का संकेत हो सकता है।
- झूठ बोलने की आदत: राहु धोखा और छल-कपट से जुड़ा हुआ है। जब यह ग्रह अशुभ होता है तो व्यक्ति अक्सर झूठ बोलता है, दूसरों को भ्रमित करता है और सत्य से दूर चला जाता है।
- कोर्ट केस या कानूनी समस्या: राहु दोष का एक बड़ा संकेत कानूनी उलझनों में फँसना है। अदालत के मामले, झूठे आरोप या पुलिस से जुड़ी परेशानियाँ इसका असर हो सकती हैं।
राहु शांति के घरेलू उपाय (Rahu shanti ke gharelu upay)
हर कोई महंगे यज्ञ या ज्योतिषीय अनुष्ठान नहीं करा सकता। लेकिन अच्छी बात यह है कि राहु की शांति के लिए कई सरल घरेलू उपाय भी बताए गए हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से कर सकता है। ये उपाय नियमित रूप से करने पर राहु दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है।
1. शनिवार की रात तिल का दीया जलाना
- शनिवार की रात पीपल के पेड़ के नीचे या घर के मंदिर में काले तिल और घी का दीपक जलाएं।
- यह उपाय राहु को शांत करता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।
2. चिड़ियों को दाना डालना
- प्रतिदिन सुबह चिड़ियों को अनाज डालना राहु दोष को कम करता है।
- चिड़ियों को दाना खिलाना दान-पुण्य के बराबर माना जाता है और इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
3. कुत्तों को रोटी खिलाना
- राहु कुत्तों से जुड़ा हुआ ग्रह है।
- शनिवार या प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाने से राहु प्रसन्न होता है और जीवन की रुकावटें कम होती हैं।
4. नीले या काले रंग के वस्त्र अधिक पहनना
- राहु का शुभ रंग काला और नीला माना गया है।
- शनिवार को विशेष रूप से नीले या काले वस्त्र पहनने से राहु की कृपा बढ़ती है।
निष्कर्ष
ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक रहस्यमयी और शक्तिशाली ग्रह माना गया है। यह ग्रह जहां एक ओर जीवन में भ्रम, बाधा, मानसिक तनाव और अनिश्चितता लाता है, वहीं दूसरी ओर अगर शुभ स्थिति में हो तो सफलता, विदेश यात्रा, राजनीति और तकनीकी क्षेत्र में अप्रत्याशित लाभ भी दिलाता है। इसलिए राहु को पूरी तरह नकारात्मक समझना गलत होगा। असल में राहु का असर इस बात पर निर्भर करता है कि वह जन्मकुंडली में किस भाव में और किन ग्रहों के साथ बैठा है।
अगर राहु अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में राहु को शांत करने के उपाय करना आवश्यक हो जाता है। भगवान शिव और काल भैरव की पूजा, राहु बीज मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप, शनिवार को दान-पुण्य, पीपल पूजा, और राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करने से राहु का दोष कम होता है। वहीं, गोमेद रत्न (Hessonite Garnet) को उचित विधि और ज्योतिषीय परामर्श के बाद धारण करना राहु की नकारात्मकता को नियंत्रित करने का सबसे कारगर उपाय है।
सिर्फ धार्मिक उपाय ही नहीं, बल्कि व्यवहारिक और घरेलू उपाय भी राहु शांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे मांस, मदिरा और नशे से दूरी बनाना, सादा और सात्विक जीवन अपनाना, चिड़ियों को दाना डालना, कुत्तों को रोटी खिलाना, तथा शनिवार को तिल का दीया जलाना। ये छोटे-छोटे प्रयास राहु के दोष को कम करने के साथ-साथ मन और जीवन में शांति भी लाते हैं।