रुद्राक्ष को भारत की आध्यात्मिक परंपरा में अत्यंत पवित्र माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष सिर्फ एक बीज नहीं है, बल्कि इसमें शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा होती है जो मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करने में मदद करती है। इसलिए रुद्राक्ष धारण करने से पहले और बाद में कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक है। अगर इन नियमों को सही तरीके से निभाया जाए, तो रुद्राक्ष की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है और इसका शुभ प्रभाव जल्दी दिखाई देने लगता है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम क्या हैं, रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए, और रुद्राक्ष कब नहीं पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम क्यों जरूरी हैं?
रुद्राक्ष को शिव का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करते समय या बाद में गलत आदतें, गलत वातावरण या अशुद्ध स्थान रुद्राक्ष की ऊर्जा को धीमा कर सकते हैं। इसलिए रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को अपने व्यवहार, आदतों और जीवनशैली में थोड़ी सावधानी रखने की सलाह दी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार, साफ-सफाई, पवित्रता, सकारात्मकता और संयम ये चार बातें रुद्राक्ष पहनने वालों के लिए आवश्यक मानी जाती हैं।
1. सोने से पहले रुद्राक्ष उतार दें
रुद्राक्ष पहनने के बाद सबसे जरूरी नियम यह है कि रात में सोने से पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि सोते समय शरीर को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए रुद्राक्ष को ऐसे समय शरीर से अलग रखना अच्छा होता है।
सुबह जब आप स्नान कर लें और शरीर व मन पवित्र हों, तब दोबारा रुद्राक्ष धारण करें।
2. मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए
महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है कि मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष न पहनें। यह एक पारंपरिक और आध्यात्मिक नियम है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा संतुलन को बनाए रखना है। इस समय शरीर में प्राकृतिक बदलाव होते हैं, इसलिए रुद्राक्ष को पहनकर रखना उचित नहीं माना जाता।
3. शौचालय या बाथरूम में रुद्राक्ष लेकर न जाएँ
रुद्राक्ष पहनने के बाद यह ध्यान रखें कि शौचालय या बाथरूम में जाते समय रुद्राक्ष उतारकर बाहर रखें। क्योंकि ये स्थान अशुद्ध माने जाते हैं और रुद्राक्ष को पवित्रता की आवश्यकता होती है। गंदे हाथों से रुद्राक्ष को छूना भी उचित नहीं है।
4. शोक सभा और श्मशान में रुद्राक्ष न पहनें
रुद्राक्ष की ऊर्जा शांत, पवित्र और दिव्य होती है। इसलिए:
- शोक सभा
- अंतिम संस्कार
- श्मशान
इन स्थानों पर जाते समय रुद्राक्ष को घर पर ही उतार देना चाहिए। क्योंकि ऐसे स्थानों पर नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है, जो रुद्राक्ष के प्रभाव को कम कर सकती है।
5. मांस और मदिरा का सेवन न करें
रुद्राक्ष पहनने के बाद जिस नियम का सबसे अधिक महत्व है, वह है मांस और मदिरा का सेवन पूरी तरह त्याग देना। साथ ही, ऐसे स्थानों पर भी न जाएं जहाँ शराब या मांस का सेवन होता हो।
इन चीजों से शरीर और मन की ऊर्जा कमज़ोर होती है और रुद्राक्ष की शक्ति भी प्रभावित होती है।
6. रुद्राक्ष को गंदे हाथों से न छुएँ
रुद्राक्ष को हमेशा साफ हाथों से ही छूना चाहिए। नहाने के बाद, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही रुद्राक्ष दोबारा धारण करें। यह नियम रुद्राक्ष की पवित्रता और ऊर्जा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
7. रुद्राक्ष को पवित्र स्थान पर रखें
जब आप रुद्राक्ष उतारते हैं चाहे सोने के लिए, स्नान के लिए, या किसी अन्य कारण से इसे हमेशा पवित्र स्थान पर ही रखें। आप इसे पूजास्थल, स्वच्छ कपड़े में लपेटकर, या किसी पवित्र डिब्बे में रख सकते हैं।
8. किसी और का रुद्राक्ष न पहनें और अपना रुद्राक्ष किसी को न दें
हर रुद्राक्ष अपने धारक की ऊर्जा को अपना लेता है। इसलिए:
- किसी और का पहना हुआ रुद्राक्ष न पहनें
- अपना रुद्राक्ष किसी अन्य व्यक्ति को न दें
यह नियम ऊर्जा मिश्रण से बचाने और रुद्राक्ष की पवित्रता बनाए रखने के लिए है।
9. रुद्राक्ष को साफ रखें और सही धागे में पहनें
रुद्राक्ष की देखभाल भी उसके नियमों में शामिल है। आपको चाहिए कि:
- इसे नियमित रूप से साफ करें
- हल्का सा तेल या घी लगाकर इसकी चमक बनाए रखें
- लाल या पीले धागे में ही पहनें (शास्त्रों में यही दो रंग शुभ माने गए हैं)
10. मन को शांत और सकारात्मक रखें
रुद्राक्ष पहनने के बाद सबसे शक्तिशाली नियम यह है कि गुस्सा, नकारात्मक विचार, आक्रामकता, और किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें।
क्योंकि रुद्राक्ष मन और आत्मा को शांत करने में मदद करता है। अगर व्यक्ति नकारात्मक सोच में घिरा रहे, तो रुद्राक्ष की ऊर्जा कम हो जाती है।
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रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
- सोते समय रुद्राक्ष न पहनें
- शराब, मांस और नशे का सेवन न करें
- शौचालय, बाथरूम में लेकर न जाएँ
- मासिक धर्म के दौरान न पहनें
- किसी भी अशुद्ध या नकारात्मक स्थान पर रुद्राक्ष न पहनें
- गुस्सा, क्रोध और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें
ये सभी बिंदु उस प्रश्न का पूरा उत्तर देते हैं कि “रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए?”
रुद्राक्ष कब नहीं पहनना चाहिए?
- मासिक धर्म के समय
- सोने के समय
- स्नान के समय
- शोक सभा या अंतिम संस्कार जाते समय
- शराब/मांस वाली जगहों पर जाते समय
- बीमार या अत्यधिक कमजोर होने की स्थिति में (कभी-कभी सलाह दी जाती है कि आराम के समय उतार दें)
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निष्कर्ष
रुद्राक्ष पहनना एक आध्यात्मिक अनुभव है। इसे धारण करने के बाद कुछ नियमों का पालन करने से इसका प्रभाव अधिक तेज और सकारात्मक रूप में दिखाई देता है। रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम, रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए, और रुद्राक्ष कब नहीं पहनना चाहिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर यदि व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है, तो उसे मानसिक शांति, आध्यात्मिक विकास, और सकारात्मक ऊर्जा का सुंदर अनुभव मिलता है।
अगर आप रुद्राक्ष पहन रहे हैं या पहनने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों का पालन आपके लिए बेहद लाभकारी रहेगा।
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