तुलसी माला पहनने के नियम: आप भी पहन रहे हैं तुलसी माला, तो इन बातों का रखें ध्यान, मिलेगा शुभ फल | Tulsi Mala Ke Niyam Aur Fayde

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सनातन धर्म में तुलसी का स्थान अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है। तुलसी को देवी तुलसी, वृंदा देवी, माता तुलसी और हरि प्रिय के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहाँ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी स्वयं निवास करते हैं। तुलसी न केवल पूजा और भक्ति के लिए आवश्यक मानी जाती है, बल्कि इसका उपयोग स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी किया जाता है।

इसी प्रकार तुलसी की माला, जो तुलसी की लकड़ी के 108 दानों से बनाई जाती है, एक अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक साधन मानी जाती है। इसे पहनने से मन शांत होता है, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में शुभता तथा समृद्धि आती है। लेकिन यह तभी संभव है जब व्यक्ति तुलसी माला पहनने के नियम का पालन करे। शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी की माला गलत तरीके से पहनना या गलत समय पर पहनना कई समस्याओं का कारण बन सकता है।

इसलिए यदि आप भी तुलसी माला पहनते हैं या पहनने का विचार कर रहे हैं, तो पहले यह जानना बहुत आवश्यक है कि Tulsi mala ke niyam क्या हैं, इसे कब पहनना चाहिए, तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए और किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

तुलसी माला क्या है?

तुलसी की माला तुलसी के पौधे की लकड़ी से बनाए गए दानों से निर्मित होती है। आमतौर पर इसमें 108 दाने होते हैं जो आध्यात्मिक रूप से पूर्णता का प्रतीक हैं। इसे मुख्यतः:

  • मंत्र-जाप
  • ध्यान (Meditation)
  • भक्ति
  • सुरक्षा (Energy protection)
  • आध्यात्मिक उन्नति

के लिए उपयोग किया जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति की ऊर्जा सात्विक होती है और मन स्थिर होता है।

तुलसी माला पहनने के लाभ (Tulsi ki Mala Pahnane ke Fayde)

धार्मिक ग्रंथों एवं विभिन्न आध्यात्मिक अनुभवों के अनुसार, तुलसी माला धारण करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:

  • मानसिक शांति और ध्यान में स्थिरता
  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
  • क्रोध, तनाव और चिंता में कमी
  • आर्थिक प्रगति और लक्ष्मी कृपा
  • स्वास्थ्य में सुधार
  • ईश्वर के प्रति भक्ति और विश्वास में वृद्धि
  • आत्मविश्वास और स्पष्ट निर्णय क्षमता

लेकिन यह सब तभी संभव है जब व्यक्ति तुलसी माला पहनने के नियम का पालन करे।

Read तुलसी माला साइड इफेक्ट्स

तुलसी माला पहनने के नियम (Tulsi Mala Ke Niyam)

शास्त्रों में तुलसी की माला को पहनने के कुछ विशिष्ट नियम बताए गए हैं जिन्हें पालन करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह कोई सामान्य आभूषण नहीं बल्कि एक पवित्र साधन है।

1. स्नान करके और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही धारण करें

तुलसी माला हमेशा शुद्ध अवस्था में धारण करनी चाहिए। सुबह स्नान के बाद, स्वच्छ और सात्विक वस्त्र पहनकर इसे धारण करना सबसे उत्तम माना जाता है। इससे माला की ऊर्जा सक्रिय और पवित्र बनी रहती है।

2. मंत्र या प्रार्थना के साथ धारण करें

तुलसी की माला को पहनते समय निम्न मंत्रों में से किसी का जाप करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है:

  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
  • “हरे कृष्ण हरे राम”
  • “ॐ नमो नारायणाय”
  • “ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः”

मंत्र का कंपन (Vibration) और तुलसी की ऊर्जा मिलकर प्रबल आध्यात्मिक शक्ति उत्पन्न करते हैं।

3. सात्विक आहार और शुद्ध जीवन शैली अपनाएँ

तुलसी माला पहनने वाले व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह सात्विक भोजन का पालन करे, अर्थात्:

  • मांसाहार, शराब और नशे से दूर रहें
  • क्रोध, हिंसा, झूठ और छल-कपट से बचें
  • सकारात्मक विचार और सद्भावना रखें

4. माला को अपवित्र स्थानों पर न ले जाएँ

शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माला एक पवित्र ऊर्जा का माध्यम है और इसे अशुद्ध स्थानों पर ले जाना अनुचित माना जाता है। इसलिए इसे:

  • शौचालय
  • बाथरूम
  • श्मशान या अंतिम संस्कार

जाते समय उतार देना चाहिए।

5. सोते समय तुलसी माला उतार दें

नींद के दौरान शरीर अशुद्ध माना जाता है और माला के टूटने की भी संभावना रहती है। इसलिए शयन से पहले तुलसी माला को उतारकर किसी पवित्र स्थान पर रखना चाहिए।

6. किसी और की तुलसी माला कभी न पहनें

प्रत्येक माला अपने धारक की ऊर्जा को धारण कर लेती है। इसलिए किसी अन्य व्यक्ति की माला पहनना या अपनी माला किसी और को देना ऊर्जा टकराव का कारण बन सकता है।

Read Tulsi Mala Benefits in Hindi

तुलसी की माला कब पहननी चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी माला धारण करने के लिए कुछ दिन विशेष रूप से अत्यंत शुभ माने जाते हैं:

  • सोमवार:- शिव कृपा और मानसिक शांति के लिए
  • गुरुवार:- बृहस्पति कृपा और समृद्धि के लिए
  • बुधवार:- बुद्धि, वाणी और व्यापारिक सफलता के लिए
  • एकादशी:- अत्यंत पवित्र और शुभ दिन

माला धारण करने से पहले उसे गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने रखकर फिर पहनना चाहिए।

तुलसी की माला कब नहीं पहननी चाहिए? | Tulsi Ki Mala Kab Nahi Pahanni Chahiye

यह नियम विशेष रूप से ध्यान रखने योग्य हैं:

  • अमावस्या और रविवार को तुलसी माला पहनना उचित नहीं माना जाता
  • सोते समय इसे उतार दें
  • शौचालय या स्नान करते समय पहनकर न जाएँ
  • अंतिम संस्कार या श्मशान घाट जाते समय इसे हटा दें
  • मांसाहार, शराब या नशा करने की जगहों पर न पहनें
  • मासिक धर्म के दौरान महिलाएँ इसे उतार सकती हैं

इन नियमों का पालन न करने से माला की पवित्र ऊर्जा कमजोर या नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।

Read Sphatik Mala Benefits in Hindi

तुलसी माला पहनते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

  • हमेशा साफ और पवित्र रखें
  • गुस्सा, नफरत, ईर्ष्या और नकारात्मक विचारों से दूर रहें
  • किसी भी प्रकार की अपवित्र स्थिति में न पहनें
  • माला टूट जाए तो उसे सम्मानपूर्वक नदी/बहते जल में विसर्जित करें
  • इसे किसी शोपीस या फैशन ज्वेलरी की तरह न पहनें

तुलसी माला पहनने से मिलने वाले आध्यात्मिक और जीवन परिवर्तनकारी लाभ

बहुत से लोग जिन्होंने तुलसी माला को श्रद्धा और नियमों के साथ पहना है, वे बताते हैं कि उनके जीवन में:

  • क्रोध और तनाव कम हुआ
  • चिंता और घबराहट में राहत मिली
  • उनके निर्णय लेने की क्षमता मजबूत हुई
  • नकारात्मक विचार और बुरे सपने कम हुए
  • परिवार में शांति और प्रेम बढ़ा
  • व्यापार या करियर में सफलता मिलने लगी
  • आध्यात्मिक विश्वास और भक्ति में मजबूती आई

क्या तुलसी माला हर कोई पहन सकता है?

हाँ, हर कोई तुलसी माला पहन सकता है चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, आयु या विचार का हो। तुलसी की पवित्र ऊर्जा सभी के लिए समान रूप से लाभदायक है। सिर्फ इतना ध्यान रखें कि इसे सम्मान और स्वच्छता के साथ पहनें।

निष्कर्ष

तुलसी की माला केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधन है। इसे धारण करने से मानसिक शांति, सकारात्मकता, स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब आप तुलसी माला पहनने के नियम को समझें और सही तरीके से पालन करें।

यदि आप नियमों के साथ श्रद्धा, विश्वास और पवित्रता से तुलसी माला धारण करते हैं, तो यह आपके जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकती है और ईश्वर की अपार कृपा प्रदान कर सकती है।

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Manish Jain (Articles: 265)

Mr. Manish Jain, is Chief Certified Gemologist (DG, GG, Graduate Pearl by GIA) at MyRatna. He is running a heritage of 60 years and he himself has a vast experience and serves huge loyal customer base across the globe. As a certified gemologist he has a great knowledge of gems and helps in giving resolution to current questions/problems and in achieving the desired effects by wearing the right Gemstone/ Rudraksha to his clients.
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