MyRatna पर हम सिर्फ असली, प्रमाणित और ऊर्जावान छह मुखी रुद्राक्ष उपलब्ध कराते हैं, ताकि हर व्यक्ति को इसके वास्तविक लाभ मिल सकें। आइए विस्तार से जानते हैं 6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे, नुकसान, पहनने की विधि, नियम और इसे कौन पहन सकता है।
6 मुखी रुद्राक्ष कैसा होता है?
6 मुखी रुद्राक्ष (Six Mukhi Rudraksha) एक पवित्र और दिव्य बीज है जिसमें छह समानांतर धारियाँ (मुख) होती हैं। यह भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का प्रतीक माना जाता है, जिनके छह मुख हैं। छह मुखी रुद्राक्ष को पहनने से जीवन में साहस, ऊर्जा और स्थिरता आती है। साथ ही, यह मंगल और शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में भी मदद करता है।
क्यों पहनें 6 मुखी रुद्राक्ष?
रुद्राक्ष पहनने के फायदे सिर्फ आध्यात्मिक नहीं होते, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और शक्ति देता है। 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के कुछ खास कारण हैं:
- मन में धैर्य, संयम और मानसिक संतुलन बढ़ाने के लिए
- क्रोध, बेचैनी, ईर्ष्या जैसे नकारात्मक भावों को शांत करने के लिए
- आत्मविश्वास और बोलने की कला को बेहतर बनाने के लिए
- कुंडली में मौजूद मंगल या शुक्र दोष से राहत पाने के लिए
- विद्यार्थियों, कलाकारों और कारोबारियों के लिए विशेष लाभकारी
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6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे | 6 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
ज्योतिषीय लाभ
- मंगल और शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव को कम करता है, जिससे जीवन में स्थिरता और सुख आता है
- कुंडली में दोष होने पर भी सौभाग्य, सम्मान और सफलता दिलाता है
- वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखता है
- करियर और व्यापार में तरक्की और यश दिलाता है
स्वास्थ्य लाभ
- मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में राहत दिला सकता है
- गले, किडनी और थायरॉइड संबंधी समस्याओं में सहायक माना जाता है
- हकलाने या तुतलाने की समस्या को कम करने में मदद करता है
- थकान और कमजोरी को दूर कर शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है
आध्यात्मिक लाभ
- स्वाधिष्ठान चक्र को सक्रिय करता है, जिससे मन और शरीर का संतुलन बेहतर होता है
- ध्यान और साधना में एकाग्रता बढ़ाता है
- आत्मिक शांति और आत्मविश्वास को मजबूत करता है
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6 मुखी रुद्राक्ष पहनने की विधि
- सोमवार या मंगलवार सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें
- रुद्राक्ष को गंगाजल, कच्चे दूध और पंचामृत से अच्छी तरह शुद्ध करें
- रुद्राक्ष पर हल्का चंदन लगाकर भगवान शिव के सामने रखें
- “ॐ ह्रीं हं नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
- लाल या काले रेशमी धागे में या चांदी/सोने के लॉकेट में पहनें
- इसे गले या दाहिने हाथ में धारण करें
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6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम
6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम हर व्यक्ति को पता होने चाहिए, ताकि इसके लाभ पूरी तरह मिल सकें:
- सात्विक जीवनशैली और भोजन अपनाएँ
- सोते समय रुद्राक्ष उतारकर रखें
- श्मशान, अंतिम संस्कार या अपवित्र स्थान पर पहनकर न जाएँ
- मांसाहार, मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज करें
- रुद्राक्ष को साबुन, केमिकल और तेज़ धूप से बचाएँ
- अपने रुद्राक्ष को किसी और को न पहनने दें
6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नुकसान
- शुरुआती दिनों में कुछ लोगों को चिड़चिड़ापन या संवेदनशीलता हो सकती है
- गलत समय या अशुद्ध मन से पहनने पर मन अशांत हो सकता है
- रात में पहनकर सोने से नींद में परेशानी हो सकती है
- टूटा या अशुद्ध रुद्राक्ष पहनने से असर कम या उल्टा हो सकता है
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6 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है?
- कोई भी उम्र, जाति या धर्म का व्यक्ति पहन सकता है
- जिनकी कुंडली में मंगल या शुक्र दोष हो
- विद्यार्थी, व्यापारी, वक्ता या कलाकार
- जो वैवाहिक सुख, आत्मविश्वास और सफलता पाना चाहते हैं
कैसे पहचानें असली 6 मुखी रुद्राक्ष?
असली छह मुखी रुद्राक्ष की पहचान करना बेहद जरूरी है, ताकि आप सिर्फ असली और ऊर्जावान रुद्राक्ष ही पहनें:
- इसमें साफ़ और गहरी 6 धारियाँ (मुख) होनी चाहिए
- बीज का आकार प्राकृतिक और बिना दरार के हो
- पानी में डालने पर यह डूब जाए
- MyRatna पर हर रुद्राक्ष प्रमाणित और लैब टेस्टेड होता है
निष्कर्ष
6 मुखी रुद्राक्ष सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि आपके जीवन में सुख, सफलता, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शांति लाने वाला दिव्य और शक्तिशाली बीज है। MyRatna से प्रमाणित रुद्राक्ष लेकर पाएं जीवन में सच्चे बदलाव का अनुभव।