नीलम रत्न (Neelam stone), जिसे ब्लू सफायर या नीली रत्न के नाम से भी जाना जाता है, शनि ग्रह से जुड़ा एक शक्तिशाली रत्न है। इसे धारण करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि नीलम रत्न किस उंगली में पहने, नीलम रत्न किस धातु में पहने और कब पहनें। अगर नीलम रत्न को सही उंगली और सही धातु में पहना जाए, तो इसके अद्भुत लाभ मिलते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नीलम किस उंगली में पहने और क्यों यह नियम महत्वपूर्ण है।
नीलम रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम रत्न को दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली (Middle Finger) (वर्किंग हैंड) में पहनना सबसे शुभ माना जाता है। यही वह उंगली है जो शनि ग्रह से जुड़ी होती है। इसलिए जब भी कोई पूछता है नीलम रत्न किस उंगली में पहने या नीलम किस उंगली में पहने, तो इसका उत्तर है – दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली।
मध्यमा उंगली का महत्व
मध्यमा उंगली शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है और इस उंगली में नीलम पहनने से शनि की शक्ति सीधे व्यक्ति पर प्रभाव डालती है। यही कारण है कि nili रत्न किस उंगली में पहने का सही उत्तर भी यही है – दाहिनी हाथ की मध्यमा उंगली।
नीलम रत्न किस धातु में पहने?
सिर्फ सही उंगली ही नहीं, बल्कि सही धातु में भी नीलम पहनना जरूरी है। आमतौर पर नीलम रत्न किस धातु में पहने का उत्तर है – चांदी (Silver) या पंचधातु। कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे सोने में भी पहना जा सकता है, लेकिन ज्यादातर ज्योतिषाचार्य चांदी में पहनने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह शनि के लिए सबसे अनुकूल धातु मानी जाती है।
क्यों चांदी या पंचधातु?
चांदी का ठंडा स्वभाव शनि के प्रभाव को संतुलित करता है और रत्न की ऊर्जा को शरीर में सही तरीके से प्रवाहित करता है। पंचधातु में भी यह प्रभावी माना जाता है क्योंकि इसमें पांच धातुओं का संयोजन होता है, जो शरीर के लिए ऊर्जा संतुलन में मदद करता है।
नीलम रत्न पहनने का सही तरीका
1. सही दिन और समय
नीलम रत्न को पहनने के लिए सबसे अच्छा दिन शनिवार माना जाता है, और वह भी सूर्यास्त से पहले। इस समय शनि की ऊर्जा प्रबल होती है और रत्न का असर जल्दी महसूस होता है।
2. पूजा और शुद्धि
पहले रत्न को दूध, गंगाजल और शहद में थोड़ी देर डुबोकर शुद्ध करें। इसके बाद शनिदेव का ध्यान करें और मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का कम से कम 108 बार जप करें।
3. किस हाथ में पहनें
ज्योतिष अनुसार, नीलम रत्न को दाहिने हाथ (वर्किंग हैंड) की मध्यमा उंगली में ही पहनना चाहिए, चाहे पहनने वाला पुरुष हो या महिला। बाएं हाथ में पहनने की सलाह कम ही दी जाती है।
नीलम किसे पहनना चाहिए?
नीलम रत्न का असर बहुत तेज होता है, इसलिए इसे हर कोई नहीं पहन सकता। जिनकी कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हो, वे ही इसे पहनें। इसलिए नीलम पहनने से पहले कुंडली का विश्लेषण किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से जरूर करवाएं।
नीलम पहनने के फायदे
सही उंगली और सही धातु में नीलम पहनने से व्यक्ति को कई फायदे मिलते हैं:
- धन और व्यापार में वृद्धि
- स्वास्थ्य में सुधार
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास
- नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा
- करियर और शिक्षा में सफलता
- नेतृत्व क्षमता और निर्णय लेने की शक्ति में सुधार
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निष्कर्ष
अब आपको पता चल गया होगा कि नीलम रत्न किस उंगली में पहने, नीलम रत्न किस धातु में पहने और क्यों यह जरूरी है। याद रखें, नीलम रत्न का असर तभी मिलता है जब इसे दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में, चांदी या पंचधातु की अंगूठी में शनिवार के दिन पहना जाए। साथ ही, हमेशा असली और प्रमाणित नीलम रत्न ही खरीदें, ताकि आपको इसके पूरे लाभ मिल सकें।
उम्मीद है इस लेख से आपको नीलम रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए, नीलम किस उंगली में पहने, nili रत्न किस उंगली में पहने और नीलम रत्न किस धातु में पहने के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी।