गोमेद रत्न के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

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भारत में रत्नों का विशेष महत्व है और गोमेद रत्न की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि यह सिर्फ एक खूबसूरत पत्थर नहीं, बल्कि जीवन बदलने वाला रत्न है। गोमेद रत्न को अंग्रेज़ी में हेसोनाइट गार्नेट (Hessonite Garnet) भी कहते हैं और यह राहु ग्रह से जुड़ा होता है। राहु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है, जो अगर कुंडली में गलत स्थान पर हो तो जीवन में परेशानियाँ, डर, भ्रम और आर्थिक मुश्किलें पैदा कर सकता है।

लेकिन हर समस्या का समाधान भी होता है, और राहु के दोष को कम करने के लिए गोमेद रत्न पहनना सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं गोमेद स्टोन के फायदे, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं।

गोमेद रत्न पहनने के फायदे | Gomed Stone Benefits in Hindi

1. आत्मविश्वास और स्पष्टता बढ़ाए

राहु ग्रह के नकारात्मक असर से मन में डर, उलझन और आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। गोमेद रत्न पहनने से सोच में स्पष्टता आती है और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों और बिजनेस करने वालों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है।

2. शारीरिक बीमारियों से राहत

गोमेद रत्न पहनने के फायदे सेहत के लिए भी गिनती में आते हैं। इसे पहनने से आंखों के रोग, मिर्गी, बवासीर, आंतों की समस्या और स्किन एलर्जी जैसी बीमारियों में आराम मिलता है। कहा जाता है कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाता है।

3. पति-पत्नी में प्यार और समझ बढ़ाए

गोमेद रत्न की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि इसे पहनने से वैवाहिक जीवन में भी मिठास आती है। यह पति-पत्नी और प्रेमियों के बीच भरोसा, वफादारी और गहरा प्यार बढ़ाता है। दोनों साथी अगर साथ में गोमेद रत्न पहनें तो रिश्ते में स्थिरता और खुशी बनी रहती है।

4. कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाए

कालसर्प दोष का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं, लेकिन सलोनी गोमेद के फायदे में सबसे बड़ा लाभ यही है कि यह इस दोष के बुरे असर को कम करता है। इससे जीवन में बार-बार आने वाली बाधाएँ कम होती हैं और मानसिक डर भी घटता है।

5. प्रोफेशनल्स और लीडर्स के लिए लाभकारी

जो लोग राजनीति, सरकारी नौकरी, वकालत, पब्लिक स्पीकिंग या मीडिया से जुड़े हैं, उनके लिए गोमेद स्टोन के फायदे बेहद खास हैं। यह बोलने की क्षमता बढ़ाता है, सोच को साफ करता है और लोगों पर अच्छा प्रभाव डालने में मदद करता है।

6. नशे की लत और बुरी आदतों से छुटकारा

राहु का नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को नशे, गलत संगत और मानसिक तनाव की ओर ले जाता है। गोमेद पहनने से मन मजबूत होता है और नकारात्मक आदतें धीरे-धीरे छूटने लगती हैं।

7. सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारे

गोमेद रत्न पहनने के फायदे में से एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करता है। पुराने रुके हुए काम बनने लगते हैं और धन की स्थिति में सुधार आता है।

8. परिवार और मित्रों के रिश्तों में मधुरता

गोमेद रत्न पहनने से परिवार और दोस्तों के साथ झगड़े कम होते हैं। यह मन में शांति लाता है, जिससे रिश्ते मजबूत और मधुर होते हैं।

9. छठे इन्द्रिय और अंतर्ज्ञान को शक्ति दे

गोमेद रत्न को सातवें चक्र (सहस्रार चक्र) से भी जोड़ा जाता है। इससे व्यक्ति की छठी इन्द्रिय तेज होती है और जीवन के निर्णय लेने में अंदर से आत्मविश्वास आता है।

10. जीवन के पाँच फलों की प्राप्ति

गोमेद रत्न को पहनने से व्यक्ति को ध्यान (ध्यान शक्ति), अर्थ (धन), धर्म (सही मार्ग), काम (जीवन की सुख-सुविधाएँ) और मोक्ष (आध्यात्मिक शांति) मिलते हैं। ये जीवन को संतुलित और सफल बनाते हैं।

11. रोजगार में सफलता

जो लोग नई नौकरी की तलाश में हैं या करियर में ग्रोथ चाहते हैं, उनके लिए भी गोमेद पहनना शुभ माना जाता है। यह आत्मविश्वास और बोलने की कला को बढ़ाता है, जिससे इंटरव्यू और प्रोफेशनल मीटिंग्स में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है।

12. व्यापारी वर्ग के लिए फायदेमंद

गोमेद और लहसुनिया के फायदे की तरह, गोमेद रत्न भी व्यापारियों को उनके ग्राहकों के साथ अच्छा संवाद बनाने और सौदे सफल करने में मदद करता है। इससे बिजनेस में तरक्की होती है।

13. डर और बुरे सपनों से बचाए

राहु के दुष्प्रभाव से व्यक्ति को बार-बार डर लगना, नींद में खलल और बुरे सपने आते हैं। गोमेद रत्न पहनने से यह सब कम होता है और नींद गहरी होती है।

14. क्रिएटिव लोगों के लिए वरदान

डिज़ाइनर, लेखक, आर्टिस्ट और सिंगर्स के लिए गोमेद रत्न नई सोच और रचनात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इससे काम में नई-नई आइडियाज आते हैं और सफलता मिलती है।

15. मानसिक शांति और संतुलन

अंत में, गोमेद रत्न की जानकारी रखने वालों का मानना है कि यह मन को शांत करता है, तनाव कम करता है और जीवन में संतुलन लाता है। यह व्यक्तित्व को भी निखारता है।

Read Gomed Stone Benefits In English

गोमेद रत्न के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of Gomed Stone

गोमेद रत्न (Gomed Gemstone) भी कहा जाता है) राहु ग्रह से जुड़ा एक शक्तिशाली और रहस्यमय रत्न है। इसे पहनने से व्यक्ति को न सिर्फ मानसिक और आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि शरीर की कई बीमारियों से भी राहत मिलती है। आइए विस्तार से जानते हैं गोमेद रत्न और बीमारी के बीच संबंध और इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ:

1. पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद

गोमेद रत्न को खासतौर पर पेट और पाचन से जुड़ी बीमारियों में बेहद लाभकारी माना जाता है। जैसे कि गैस, अपच, कब्ज, पेट दर्द और आंतों की कमजोरी जैसी समस्याओं में यह पत्थर सकारात्मक असर डालता है। आयुर्वेद में भी कहा गया है कि गोमेद रत्न पहनने से पाचन शक्ति सुधरती है और पेट साफ रहने से व्यक्ति का मन भी शांत रहता है।

2. रक्त विकार और गंभीर बीमारियों में सहायक

गोमेद रत्न पहनने के फायदे सिर्फ साधारण बीमारियों तक सीमित नहीं हैं। इसे रक्त से जुड़ी गंभीर बीमारियों जैसे रक्त कैंसर, एनीमिया (खून की कमी) और अन्य रक्त विकारों के लिए भी अच्छा माना गया है। इसे पहनने से रक्त संचार सुधरता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।

3. त्वचा रोगों में राहत

जिन लोगों को सोरायसिस, एक्जिमा, एलर्जी या अन्य त्वचा संबंधी रोग होते हैं, उनके लिए भी गोमेद रत्न को लाभकारी माना जाता है। यह पत्थर त्वचा की कोशिकाओं पर सकारात्मक असर डालकर उन्हें स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है।

4. आंखों, मिर्गी और बवासीर में लाभ

गोमेद रत्न और बीमारी का संबंध यह भी बताता है कि इसे आंखों के संक्रमण, मिर्गी (epilepsy) और बवासीर जैसी बीमारियों में भी उपयोगी माना गया है। इसके कंपन (vibrations) शरीर की ऊर्जा को संतुलित करते हैं, जिससे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।

5. शारीरिक और मानसिक ताकत बढ़ाए

गोमेद रत्न को पहनने से व्यक्ति में जीवन शक्ति (vitality), ताकत और सहनशक्ति का विकास होता है। यह मन को शांत रखता है, जिससे मानसिक दबाव कम होता है और कठिन परिस्थितियों में भी व्यक्ति मजबूती से खड़ा रह सकता है।

Read गोमेद रत्न कीमत

गोमेद रत्न के नुकसान | Gomed ke Nuksan

गोमेद रत्न, जिसे हेसोनाइट भी कहते हैं, राहु ग्रह से जुड़ा हुआ एक शक्तिशाली रत्न माना जाता है। जैसे इसके कई फायदे हैं, वैसे ही कुछ स्थितियों में इसे पहनने से नुकसान या नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं – खासकर तब, जब इसे बिना उचित सलाह या सही विधि के पहना जाए। आइए जानते हैं गोमेद रत्न के संभावित नुकसान के बारे में:

1. नकारात्मक ऊर्जा का असर

गोमेद राहु से जुड़ा होता है, और राहु की ऊर्जा काफी तेज़ और अस्थिर मानी जाती है। अगर यह रत्न बिना विशेषज्ञ की सलाह या गलत विधि से पहना जाए, तो राहु की नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। इससे जीवन में भ्रम, असुरक्षा और तनाव जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

2. मानसिक तनाव और बेचैनी

गलत समय या गलत विधि से गोमेद पहनने पर मानसिक अशांति, चिंता, अवसाद और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इससे मन स्थिर नहीं रहता और बार-बार घबराहट महसूस हो सकती है।

3. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ

कुछ लोगों को गोमेद रत्न पहनने के बाद सिर दर्द, पेट दर्द, पाचन समस्या या अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने जैसी शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

4. आर्थिक नुकसान

राहु की अशुभ स्थिति में गोमेद को बिना सोचे-समझे पहनने से व्यापार में नुकसान, पैसे की कमी या अनचाही खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।

5. रिश्तों में तनाव

गोमेद रत्न का असर गलत तरीके से होने पर पारिवारिक जीवन में झगड़े, अविश्वास और रिश्तों में दूरियाँ आ सकती हैं। मित्रों, जीवनसाथी और परिजनों के साथ गलतफहमी भी बढ़ सकती है।

6. आध्यात्मिक प्रगति में रुकावट

कुछ लोग महसूस करते हैं कि गोमेद पहनने के बाद ध्यान और मन की शांति पर असर पड़ता है। इससे साधना या अध्यात्मिक विकास में बाधा आ सकती है।

7. दुर्घटना का डर

गोमेद रत्न की नकारात्मक ऊर्जा से दुर्घटनाओं, अचानक चोट लगने या अप्रत्याशित घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है।

Read Importance of Rahu and Gomed in Indian Vedic Astrology

गोमेद रत्न पहनने की विधि | Gomed Kab or Kese Pahnana Chahiye

गोमेद रत्न, राहु ग्रह से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली रत्न है। इसे सही तरीके से पहनने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं, जैसे मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और राहु के दोष से मुक्ति। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि इसे पूरी विधि के साथ, शुभ समय पर और सही धातु में धारण किया जाए। आइए विस्तार से जानते हैं गोमेद रत्न पहनने की सही प्रक्रिया और कुछ ज़रूरी सावधानियाँ:

1. रत्न का चयन

गोमेद रत्न पहनने से पहले सबसे पहला कदम है सही वजन और क्वालिटी का रत्न चुनना।

  • आमतौर पर 6, 7 या 13 रत्ती का गोमेद रत्न पहनना शुभ माना जाता है।
  • विशेष रूप से 7, 10 या 16 रत्ती के गोमेद को पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि कुछ मान्यताओं के अनुसार ये संख्या राहु के लिए शुभ नहीं मानी जातीं।
  • हमेशा कोशिश करें कि रत्न नैचुरल, बिना ट्रीटमेंट वाला और प्रमाणित हो।

2. धातु का चयन

गोमेद रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में जड़वाना सबसे उत्तम माना गया है।

  • चांदी राहु ग्रह के लिए शुभ धातु है और नकारात्मक ऊर्जा को कम करती है।
  • अष्टधातु (आठ धातुओं का मिश्रण) भी शक्तिशाली मानी जाती है और राहु के प्रभाव को संतुलित करती है।
  • सोने की अंगूठी में गोमेद पहनने की सलाह कम दी जाती है, जब तक कि किसी योग्य ज्योतिषी ने स्पष्ट रूप से कहा न हो।

3. दिन और समय

गोमेद रत्न को शनिवार के दिन पहनना सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि शनिवार राहु और शनि दोनों के लिए महत्वपूर्ण दिन है।

  • खास तौर पर शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद यह रत्न धारण करना चाहिए।
  • यह समय राहु काल का भी हिस्सा होता है, जो राहु ग्रह को सक्रिय करता है।

4. शुद्धिकरण

रत्न को पहनने से पहले शुद्ध करना अनिवार्य है, ताकि उस पर से सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएं:

  • एक कटोरी में गंगाजल लें और उसमें थोड़ा गाय का कच्चा दूध मिलाएं।
  • कुछ मिनटों तक गोमेद रत्न (अंगूठी सहित) को इसमें रखें।
  • इसके बाद साफ जल से धो लें और सफेद कपड़े पर रखें।

5. मंत्र जाप

शुद्धिकरण के बाद रत्न को ऊर्जावान बनाने के लिए राहु के मंत्र का जाप करें:

  • मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः”
  • इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • जाप करते समय मन को शांत रखें और सकारात्मक ऊर्जा का ध्यान करें।

6. धारण करना

मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद गोमेद रत्न को दाहिने हाथ की मध्यमा (मिडिल) उंगली में पहनें।

  • मध्यमा उंगली शनि और राहु ग्रह से जुड़ी मानी जाती है, जिससे इसका प्रभाव सीधा मिलता है।
  • पहनते समय अपने मन में अच्छी भावना और आस्था रखें।

7. दान करना

रत्न पहनने के बाद राहु से संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है। जैसे:

  • काले तिल
  • नीले या काले रंग के कपड़े
  • लोहे का बर्तन
  • उड़द की दाल

Read Benefits of the Garnet Gemstone

गोमेद रत्न पहनते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • गोमेद रत्न को माणिक्य (Ruby), मूंगा (Coral) और मोती (Pearl) के साथ एक साथ नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह राहु की ऊर्जा को बिगाड़ सकता है।
  • हमेशा किसी अनुभवी और योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली दिखाकर ही गोमेद रत्न धारण करें।
  • यदि कुंडली में राहु की स्थिति बहुत अशुभ या राहु महादशा का समय नहीं है, तो गोमेद पहनने से बचना चाहिए।
  • रत्न हमेशा प्रमाणित और नैचुरल होना चाहिए, जिससे उसके असली लाभ मिल सकें।

गोमेद रत्न किसे पहनना चाहिए? | Gomed kise Pehna Chahiye

गोमेद रत्न पहनने के फायदे तभी पूरी तरह मिलते हैं, जब इसे सही व्यक्ति सही समय पर धारण करे। ज्योतिष शास्त्र में कुछ विशेष परिस्थितियां बताई गई हैं, जब गोमेद पहनना शुभ माना जाता है:

  • राशि: वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के लोग गोमेद पहन सकते हैं।
  • कुंडली में राहु की स्थिति: यदि राहु कुंडली के पहले, चौथे, पांचवें, नौवें या दसवें भाव में हो या राहु की महादशा/अंतर्दशा चल रही हो, तो गोमेद पहनना विशेष लाभकारी माना जाता है।
  • राहु उच्च का हो: जब राहु कुंडली में बलवान हो और परेशानी दे रहा हो।
  • पेशे से संबंधित: राजनीति, मीडिया, पब्लिक रिलेशन, वकालत, या किसी भी ऐसे क्षेत्र में जहां जनसंपर्क की आवश्यकता होती है।
  • यदि जीवन में बार-बार बाधाएं आ रही हों: गोमेद रत्न पहनने से बाधाएं कम होती हैं और राहु का अशुभ प्रभाव घटता है।
  • यदि एकाग्रता की कमी हो: यह रत्न मन को स्थिर कर एकाग्रता बढ़ाता है।

Read गोमेद रत्न के नुकसान

गोमेद रत्न किसे नहीं पहनना चाहिए? | Gomed Kise nahi Pahnana Chahiye

हालाँकि गोमेद बहुत शक्तिशाली रत्न है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह हानिकारक भी हो सकता है:

  • कर्क राशि के लोग: इनके लिए राहु प्रबल अशुभ हो सकता है, इसलिए बिना सलाह के पहनने से बचें।
  • हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या मानसिक रोग वाले व्यक्ति: इन लोगों को बिना अनुभवी ज्योतिषी की सलाह के गोमेद नहीं पहनना चाहिए।
  • जिनकी नौकरी में स्थिरता नहीं है: अस्थिरता बढ़ सकती है, इसलिए सावधानी ज़रूरी है।

गोमेद रत्न से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. गोमेद रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए?

गोमेद रत्न को दाहिने हाथ की मध्यमा (मिडिल) उंगली में पहनना चाहिए, क्योंकि यह राहु ग्रह से जुड़ी होती है और इससे रत्न का प्रभाव सीधा मिलता है।

2. गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए?

गोमेद रत्न को शनिवार के दिन, विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद धारण करना शुभ माना जाता है।

3. असली गोमेद रत्न की पहचान कैसे करें?

असली गोमेद रत्न में शहद जैसा गहरा रंग, अच्छी पारदर्शिता और चमक होती है। इसे प्रमाणित जेमोलॉजिकल लैब की रिपोर्ट से भी परखा जा सकता है।

4. गोमेद रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए?

आमतौर पर 6, 7 या 13 रत्ती का गोमेद रत्न शुभ माना जाता है। कुंडली और ज्योतिषीय सलाह के अनुसार वजन चुना जाना चाहिए।

5. गोमेद के रंग और किस्में कौन सी हैं?

गोमेद रत्न आमतौर पर शहद जैसे हल्के भूरे से लेकर गहरे लाल-भूरे रंग में मिलता है। सलोनी गोमेद इसकी एक सुंदर किस्म मानी जाती है।

6. Hessonite Stone in Hindi क्या है?

Hessonite Stone को हिंदी में गोमेद रत्न कहते हैं। यह राहु ग्रह से जुड़ा होता है और कई ज्योतिषीय व स्वास्थ्य लाभ के लिए पहना जाता है।

7. गोमेद के साथ कौन से अन्य रत्न पहन सकते हैं?

गोमेद को नीला नीलम, गोमेद, हकीक या लहसुनिया जैसे रत्नों के साथ पहना जा सकता है। लेकिन माणिक्य, मूंगा और मोती के साथ नहीं पहनना चाहिए।

8. गोमेद और लहसुनिया के फायदे क्या हैं?

दोनों रत्न राहु और केतु ग्रह से जुड़े होते हैं। गोमेद मानसिक शांति, आत्मविश्वास और राहु दोष से राहत देता है; जबकि लहसुनिया (कैट्स आई) अचानक लाभ, सुरक्षा और केतु दोष से मुक्ति दिलाता है।

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Manish Jain (Articles: 251)

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