मोती किस राशि वालों को नहीं पहनना चाहिए?

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भारतीय वैदिक ज्योतिष में रत्नों का महत्व बहुत गहरा है। हर रत्न किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और उसके प्रभाव को हमारे जीवन में सक्रिय करता है। इनमें से मोती (Pearl stone) चंद्रमा का रत्न माना जाता है। चंद्रमा मन, भावनाओं, मानसिक शांति, मातृत्व और कोमलता का कारक है। यही कारण है कि मोती पहनने से व्यक्ति को शांति, आत्मविश्वास, भावनात्मक स्थिरता और मानसिक बल प्राप्त होता है।

लेकिन जैसा कि हर रत्न सभी के लिए शुभ नहीं होता, वैसे ही मोती भी हर राशि के जातक को लाभ नहीं देता। यदि इसे बिना सोचे-समझे पहन लिया जाए तो यह लाभ के बजाय हानि भी पहुँचा सकता है। इसलिए यह समझना आवश्यक है कि किन राशियों को मोती नहीं पहनना चाहिए और इसके पीछे ज्योतिषीय कारण क्या हैं।

मोती का ज्योतिषीय महत्व

मोती समुद्र की गहराइयों से प्राप्त होने वाला एक अद्भुत रत्न है। इसकी चमक, शुद्धता और कोमलता को देखकर ही यह समझा जा सकता है कि इसका संबंध चंद्रमा से क्यों जोड़ा गया है। चंद्रमा हमारे मन, विचार, स्मृति, भावनाओं और मानसिक संतुलन का प्रतिनिधि ग्रह है।

यदि किसी की जन्म कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान पर हो, बलवान हो और पाप ग्रहों से मुक्त हो तो मोती पहनना उसके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। लेकिन यदि चंद्रमा कमजोर हो, शत्रु ग्रहों से पीड़ित हो या प्रतिकूल स्थिति में हो तो मोती पहनने से उल्टा असर भी हो सकता है।

इन राशि वालों को मोती नहीं पहनना चाहिए

1. मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध है। ज्योतिष में बुध और चंद्रमा के बीच स्वभाविक शत्रुता मानी गई है। बुध बुद्धि, तर्क और विश्लेषण का ग्रह है, जबकि चंद्रमा भावनाओं का प्रतीक है। इन दोनों के स्वभाव में बहुत बड़ा अंतर है।

यदि मिथुन राशि का जातक मोती धारण करता है तो उसकी तर्कशक्ति और भावनात्मक शक्ति के बीच संघर्ष उत्पन्न हो सकता है। इससे व्यक्ति मानसिक असंतुलन, अनिर्णय की स्थिति और चिंता जैसी समस्याओं का शिकार हो सकता है। साथ ही, व्यापार और आर्थिक मामलों में भी हानि होने की संभावना रहती है।

2. कन्या राशि (Virgo)

कन्या राशि भी बुध ग्रह की राशि है। यहाँ भी वही स्थिति बनती है जो मिथुन राशि में होती है। चंद्रमा और बुध के बीच विरोध की वजह से मोती कन्या राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता।

यदि कन्या राशि का व्यक्ति मोती धारण करता है तो उसे मानसिक बेचैनी, कार्यों में असफलता और भावनात्मक परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं। कई बार यह देखा गया है कि कन्या राशि के जातक मोती पहनने के बाद अधिक संवेदनशील हो जाते हैं और छोटे-छोटे मामलों पर परेशान हो जाते हैं।

3. मकर राशि (Capricorn)

मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि है। शनि और चंद्रमा के बीच शत्रुता प्राचीन काल से ही मानी गई है। शनि कर्म, संघर्ष, विलंब और अनुशासन का ग्रह है, जबकि चंद्रमा कोमलता और भावनाओं का। इन दोनों का स्वभाव एक-दूसरे के विपरीत है।

यदि मकर राशि का जातक मोती पहन ले तो उसके जीवन में मानसिक तनाव, आर्थिक हानि और भावनात्मक असंतुलन बढ़ सकता है। कभी-कभी यह देखा गया है कि मकर राशि वालों को मोती पहनने से नींद की समस्या और अनावश्यक चिंताएँ घेर लेती हैं।

4. कुंभ राशि (Aquarius)

कुंभ राशि भी शनि की राशि है। यहाँ भी वही स्थिति बनती है जो मकर राशि में होती है। शनि और चंद्रमा के विरोधी स्वभाव के कारण कुंभ राशि के जातकों को मोती पहनना हानिकारक साबित हो सकता है।

मोती पहनने से इन्हें भावनात्मक असुरक्षा, मानसिक उलझनें और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। कई बार यह भी देखा गया है कि कुंभ राशि के जातक मोती पहनने के बाद अधिक संवेदनशील और चिड़चिड़े हो जाते हैं, जिससे उनके रिश्तों में भी समस्याएँ आ सकती हैं।

Read सफेद मोती पहनने के फायदे

ग्रहों की शत्रुता और मोती का असर

वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का अन्य ग्रहों के साथ मित्रता और शत्रुता का संबंध बताया गया है। चंद्रमा को शनि, राहु और केतु के साथ प्रतिकूल माना गया है। वहीं, बुध और शुक्र भी चंद्रमा के स्वभाव से मेल नहीं खाते।

  • शनि का स्वभाव कठोर, अनुशासनप्रिय और विलंबकारी है।
  • बुध का स्वभाव बुद्धि और तर्क से जुड़ा है।
  • शुक्र भोग-विलास और सौंदर्य का कारक है।

इन सभी ग्रहों का चंद्रमा से स्वभाविक मेल नहीं बैठता, यही कारण है कि इनके अधीन आने वाली राशियों के जातकों को मोती पहनने से बचने की सलाह दी जाती है।

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मोती क्यों नहीं पहनना चाहिए?

मानसिक और भावनात्मक समस्याएँ

जिन जातकों के लिए मोती प्रतिकूल होता है, वे इसे धारण करने के बाद भावनात्मक रूप से कमजोर हो सकते हैं। उनमें चिंता, बेचैनी, डर और अनिर्णय की स्थिति बढ़ सकती है।

आर्थिक नुकसान

मोती चंद्रमा का रत्न है और चंद्रमा धन के कारक ग्रहों में से नहीं है। यदि यह किसी प्रतिकूल राशि का व्यक्ति पहन ले तो उसे व्यापार में हानि, नौकरी में परेशानी और आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है।

पारिवारिक असंतुलन

चंद्रमा माता, परिवार और भावनाओं का ग्रह है। यदि इसका रत्न गलत व्यक्ति पहन ले तो पारिवारिक झगड़े, रिश्तों में खटास और घर के माहौल में अशांति पैदा हो सकती है।

किन्हें पहनना चाहिए मोती?

  • कर्क राशि: चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी ग्रह है, इसलिए इनके लिए मोती अत्यंत शुभ है।
  • मेष, वृश्चिक और मीन राशि: इन राशियों के लिए भी मोती लाभकारी माना जाता है।
  • विशेष परिस्थितियों में: सिंह, तुला और धनु राशि वाले भी मोती पहन सकते हैं, लेकिन केवल तब जब कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान पर हो और अनुभवी ज्योतिषी इसकी सलाह दे।

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महत्वपूर्ण सावधानियाँ

कोई भी रत्न धारण करने से पहले हमेशा जन्म कुंडली की जाँच करानी चाहिए। केवल राशि देखकर रत्न पहनना सही नहीं है, क्योंकि ग्रहों की स्थिति, दशा और दृष्टि हर व्यक्ति की कुंडली में अलग होती है।

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जिस राशि के लिए रत्न प्रतिकूल बताया जाता है, वह किसी विशेष योग या दशा के कारण शुभ हो सकता है। इसलिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह लेना अनिवार्य है।

निष्कर्ष

मोती एक शक्तिशाली और कोमल रत्न है, लेकिन यह हर किसी के लिए लाभकारी नहीं होता। मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि के जातकों को इसे धारण करने से बचना चाहिए, क्योंकि उनके स्वामी ग्रह चंद्रमा के शत्रु माने जाते हैं। इससे उन्हें मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान और भावनात्मक अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, यदि किसी की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर या पाप ग्रहों से पीड़ित है, तो उसे भी मोती धारण करने से परहेज़ करना चाहिए। वहीं कर्क, मीन, वृश्चिक और मेष राशि वाले जातकों के लिए यह शुभ और लाभकारी साबित हो सकता है।

अंत में याद रखें हर रत्न तभी प्रभावी होता है जब उसे सही व्यक्ति, सही समय और सही विधि से पहना जाए। इसलिए मोती या कोई भी रत्न धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करना ही सबसे उत्तम उपाय है।

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Harsha Bhati (Articles: 27)

Harsha Bhati is one of the well-known palmists in India. She has been practicing palmistry for more than 7 years and has guided many people in understanding their life, career, and relationships. She holds a Diploma and a Master’s degree in Palmistry and is also doing her Ph.D. in the same subject.

Harsha also has knowledge of the Veds, which helps her give a deeper and more spiritual meaning to her readings. For the last 3 years, she has been teaching palmistry through her online school, where students from different places learn from her in a very simple and easy way.

She believes palmistry is not just about predicting the future, but about helping people know themselves better and grow in life. With her knowledge and kind approach, Harsha continues to inspire and guide many on their journey.

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